कोरोना महामारी के चलते इन दिनों दिल्ली मेट्रो में भी सोशल डिस्टेंसिंग का नियम लागू है जिसके वजह से आजकल भीड़ कम रहती है मेट्रो में. ऐसे में बदमाशों ने भी अपने क्राइम करने का तरीका बदल दिया है. मेट्रो पुलिस द्वारा मेट्रो के अंदर और स्टेशनों के अंदर और बाहर होने वाले क्राइम पैटर्न पर स्टडी से यह बात सामने आई है. स्टडी में पता चला है कि अब मेट्रो में बदमाश चोरी और जेबतराशी की वारदातों से कहीं अधिक ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
बता दें कि अब अपराधी तरह तरह के हथकंडे अपनाने लगे हैं. मेट्रो में कोई अगर आपको सस्ते में मोबाइल फोन बेचने का लालच देता है, किसी तरह के कैश ट्रांजेक्शन करने की बात कहता है, ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कराने के बदले आपको एक-दो हजार रुपये अधिक नकद भुगतान करने की बात कहता है तो सावधान हो जायें. इस तरह के हथकंडे आजकल अपराधी आजमा रहे हैं. ऐसा भी देखा गया है कि अपराधी आपसे मेट्रो का कार्ड खरीदवाने के बदले अधिक रुपए देने की बात कह सकता है, या फिर मां की तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए आपसे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कराने के बदले अधिक नकद रुपये देने की बात कह सकता है.
मेट्रो पुलिस के द्वारा स्टेशनों पर चोरी, जेबतराशी और ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले पकडे गये 190 मुलजिम में कई महिलाएं भी शामिल हैं. बताते चलें कि मेट्रो में सबसे अधिक वारदातें यलो और रेड लाइन पर हो रही हैं. क्योंकि इन दोनों लाइनों पर यात्रियों का लोड अधिक है. अगर आपके ऊपर कोई यात्री गिरता है, खासतौर से कोई महिला... तो मुमकिन है कि आप किसी खतरे में पड़ रहे हों. हो सकता है कि वह महिला आपकी किसी चीज पर हाथ साफ कर दे. दिल्ली मेट्रो में इन दिनों बड़ी तादाद में महिला गिरोह भी वारदातें कर रही है.
मेट्रो पुलिस के डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि मेट्रो में वारदात करने वाले मुलजिमों ने अपना क्राइम करने का तरीका बदला है. 12 सितंबर से मेट्रो लोगों के लिए ओपन होने के बाद से वारदात के पैटर्न में जो बदलाव देखा गया है, वह यही है कि अब चोरी व जेबतराशी कम और ठगी ज्यादा हो रही है.
Source : News Nation Bureau