राजधानी दिल्ली में ऑटो ड्राइवर सरबजीत की पिटाई के मामले पर बवाल मचा हुआ है. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन सिख सुमदाय बाकी पुलिसकर्मी के खिलाफ भी एक्शन की मांग कर रहा है. सोमवार रात तीन बजे तक प्रदर्शनकारी थाने के सामने डटे रहे.
यह भी पढ़ें ः रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया: दो महिलाओं के हाथ में है चंद्रयान-2 की कमान
बता दें कि रविवार शाम को मुखर्जी नगर (Mukherjee Nagar) इलाके में एक टेम्पो ड्राइवर ने पुलिस वैन में टक्कर मार दी, जिससे दोनों के बीच जमकर बहस हो गई थी. पुलिस से हो रही बहसाबहसी के दौरान टेम्पो ड्राइवर ने अपनी कृपाण निकाल ली और दिल्ली पुलिस अधिकारी पर हमला कर दिया. इसके बाद लगभग 10-12 पुलिसकर्मियों ने ड्राइवर और उसके बेटे को लाठियों और डंडों से जमकर पीटा. पुलिसकर्मी दोनों को सड़कों पर घसीटते हुए काफी दूर तक ले गए. सड़क पर खड़े लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.
इसके बाद देर रात 12 बजे सिख समुदाय का एक डेलिगेशन पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिला. जिसने पुलिस के सामने मांग रखी कि ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ हत्या के प्रयास की जो धारा 307 लगाई गई है उसे हटाया जाए. साथ ही वीडियो में नजर आ रहे सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए. देर रात तक थाने के बाहर इकट्ठा प्रदर्शनकारी बारिश के बावजूद भी डटे रहे. रात 3 बजे हालात थोड़े सामान्य होते नजर आए. प्रदर्शनकारी अपने घरों की तरफ वापस जाते दिखे, लेकिन पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर कुछ दूर लगातार बैठक करते रहे.
यह भी पढ़ें ः चमकी बुखार से ऐसे बचाएं अपने लाडलों को, बची रहेगी बच्चों के चेहरों की चमक
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर मुखर्जी नगर में दिल्ली पुलिस की बर्बरता की निंदा की है. मैं पूरी घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं. नागरिकों के संरक्षकों को अनियंत्रित हिंसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Delhi Police brutality in Mukherjee Nagar is highly condemnanble and unjustified.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2019
I demand an impartial probe into the whole incident & strict action against the guilty.
Protectors of citizens can't be allowed to turn into uncontrolled violent mobsters.
इससे पहले, शाम को माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ था. सिख प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंचे बीजेपी के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ धक्का-मुक्की हुई. बीजेपी के टिकट पर जीते अकाली दल के नेता सिरसा 4 लोगों के साथ थाने में बातचीत करके आए थे. वो लोगों को समझा रहे थे कि जांच निष्पक्ष होगी, लेकिन भीड़ उत्तेजित हो गई और धक्का-मुक्की पर उतर आई.
यह भी पढ़ें ः World Cup: गली के लड़कों की तरह खेले वेस्टइंडीज के खिलाड़ी, बांग्लादेश ने 7 विकेट से रौंदा
सिरसा ने उन्हें बताया कि न तो ऑटो ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ ना ही पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की है. एक एफआईआर सरबजीत के खिलाफ हमले का शिकार हुए एएसआई योगराज की ओर दर्ज कराई गई है, जबकि दूसरी एफआईआर सरबजीत और उसके नाबालिग बेटे पर पुलिस की बर्बरता को लेकर दर्ज की गई है.
इससे पहले 16 जून की रात को उग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मुखर्जी नगर थाने का घेराव किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस की वैन में तोड़फोड़ की थी. वहीं, लोगों को समझाने आए एसीपी के जी त्यागी को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा और वो जैसे-तैसे जान बचाकर भागे. एक मामूली कहासुनी से शुरू हुए झगड़े ने दिल्ली में बड़ा बखेड़ा शुरु कर दिया है जिसे शांत करने में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.