दिल्ली में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से 3 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. इसके बाद भी दिल्ली में रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. इसके बाद दिल्ली के व्यापारियों ने बड़ा फैसला लिया है. व्यापारियों ने 10 मई तक स्वैच्छिक लॉकडाउन रखने का फैसला किया है. देश के व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की ओर से घोषणा की गई है कि दिल्ली में भले ही 3 मई को लॉकडाउन समाप्त हो रहा हो लेकिन व्यापारी आगामी 10 मई तक बाजारों में स्वैच्छिक लॉकडाउन रखेंगे.
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दिल्ली में कोरोना की रफ्तार लगातार लगातार बढ़ रही है. लॉकडाउन से बाद भी रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली में सभी प्रयासों के बावजूद जिस तेजी से कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. उसको देखते हुए दिल्ली के अधिकांश व्यापारी संगठन आगामी 3 मई को जब वर्तमान लॉक डाउन ख़त्म होगा, के बाद अभी अपनी मार्किट खोलने के पक्ष में नहीं है. दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने स्वैच्छिक लॉक डाउन करने का निर्णय ले लिया है.
खंडेलवाल ने कहा की लाख कोशिशों के बावजूद भी दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में चिकित्सा व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं आया है. अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत, कोरोना सम्बंधित दवाइयों का न मिलना, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का अभाव आदि की स्थिति पूरे तौर पर बनी हुई है. यदि दुकानें खुलती हैं और यदि किसी व्यापारी, उनके कर्मचारी अथवा ग्राहक कोरोना से ग्रसित हो गए तो वर्तमान हालातों में आवश्यक चिकित्सा मिलना बहुत मुश्किल है और इसलिए बेहतर है की जब तक कोरोना की रफ़्तार में कमी न आ जाए अथवा चिकित्सा सुविधाएं न सुधर जाएं तब तक दिल्ली के बाज़ार नहीं खुलने चाहिये.
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खंडेलवाल ने कहा यह निर्णय कैट द्वारा द्वारा बुलाई गई एक वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में 150 से अधिक प्रमुख व्यापारी संगठनों के नेताओं ने सर्वसम्मति से लिया. हालाकिं कैट एवं अन्य व्यापारी संगठनों ने उम्मीद जताई है कि एलजी अनिल बैजल एवं सीएम अरविंद केजरीवाल वस्तुस्थिति को समझते हुए कैट की मांग पर लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय अवश्य लेंगे.