आय से अधिक संपत्ति के मामले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को दोषी करार दिया गया है. चौटाला को सजा कितनी हो, इसको लेकर अब 26 मई को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बहस होगी. कोर्ट ने दो दिन पहले मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. शनिवार कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला भी मौजूद रहे. कोर्ट द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 86 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वे जेबीटी भर्ती घोटाले में पिछले साल 2 जुलाई को तिहाड़ जेल से बाहर आए थे. अब फिर उनको जेल जाना पड़ सकता है. कोर्ट के फैसले के बाद उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है.
बता दें कि सीबीआई ने 26 मार्च, 2010 को पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की थी. इसमें बताया गया था कि चौटाला ने 1993 से 2006 के बीच कथित रूप से उनकी वैध आय से काफी अधिक 6.09 करोड़ रुपए की संपत्ति जुटाई है. यह उनकी आय से कहीं ज्यादा है. हालांकि चौटाला परिवार इन आरोपों को हमेशा से ही राजनीति से प्रेरित बताता रहा है.
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जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की 3 करोड़ 68 लाख की संपत्तियों को जब्त कर लिया था. इन संपत्तियों में ओमप्रकाश चौटाला के फ्लैट, प्लॉट और जमीन शामिल थे. जब्त की गईं संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में हैं. यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज FIR को लेकर हुई थी.
बता दें कि पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को जनवरी, 2013 में जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिया गया था. इनेलो सुप्रीमो को प्रीवेंशन ऑफ करप्शन में सात साल और षड्यंत्र में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सज़ा हुई थी. पिछले साल ही वे दिल्ली की तिहाड़ कोर्ट से सजा पूरी कर बाहर आए थे. कोर्ट के आज संभावित फैसले पर पूरे प्रदेश के लोगों के साथ राजनीतिक दलों की भी निगाहें टीकी हैं.