Chhawla Gangrape: दस साल पहले राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश को हिला डालने वाले छावला गैंगरेप के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी कर दिए जाने के बाद से ही लगातार पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की जा रही है ताकि पीड़िता के परिवार को इंसाफ मिल सके और दोषियों को कड़ी सजा. भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं उत्तराखंड से राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने छावला गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात कर उनसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का अनुरोध किया.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग
उपराज्यपाल से मुलाकात करने के बाद अनिल बलूनी ने कहा कि छावला दुराचार कांड में दिल्ली सरकार पक्षकार है इसलिए उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार से यह अनुरोध किया है कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करें ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा और पीड़िता को न्याय मिल सके.
दोषियों को मिली थी सजा ए मौत, SC ने किया बरी
आपको बता दें कि, पीड़िता के साथ यह जघन्य अपराध 10 वर्ष पहले 2012 में हुआ था. इस जघन्य अपराध के मामले में दिल्ली के द्वारका के जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. उच्च न्यायालय ने भी फांसी की इस सजा को बरकरार रखा था लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए दोषियों को बरी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की जा रही है.
HIGHLIGHTS
- छावला गैंगरेप कांड में दिल्ली के एलजी से मुलाकात
- सांसद ने पीड़ित परिवार के साथ की मुलाकात
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की मांग
Source : IANS