केजरीवाल सरकार पर संबित पात्रा का हमला, घर-घर राशन पर शुरू हुई सियासत

एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई है. केजरीवाल सरकार की घर-घर राशन योजना पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की.

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Vineeta Mandal
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BJP leader Sambit Patra

BJP leader Sambit Patra ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गई है. केजरीवाल सरकार की घर-घर राशन योजना पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने जमकर मोदी सरकार पर हमला बोला. केजरीवाल के बाद अब बीजेपी नेता संबित पात्रा ने दिल्ली सीएम पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी ने आज बात रखी है कि मोदी जी दिल्ली की गरीब जनता को उनके अधिकार से वंचित रख रहें और घर-घर राशन रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं हैं. मोदी जी नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट और पीएम गरीब कल्याण योजना द्वारा दिल्ली के जरूरतमंदों को राशन पहुंचा रहे हैं.

संबित पात्रा ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली को अभी तक नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट के अंतर्गत 37,400 मीट्रिक टन अनाज भेजा और पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 5 जून तक 72,782 मीट्रिक टन अनाज भेजा है. दिल्ली 53,000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है और इसका मात्र 68% ही वो जनता को बांट पाए हैं.

बीजेपी नेता ,संबित पात्रा ने हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने वन नेशन-वन राशन कार्ड का प्रावधान किया था. लेकिन दिल्ली की सरकार ने इस विषय पर आगे बढ़ने से मना कर दिया, जिस कारण हज़ारों मज़दूर आज राशन लेने से वंचित रह गये हैं.

बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "लोगों को लगने लगा है कि इस मुसीबत के समय में भी केंद्र सरकार सबसे लड़ रही है. केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से लड़ रही है. महाराष्ट्र सरकार से लड़ रही है. लक्ष्यद्वीप में लड़ रही है. दिल्ली सरकार से लड़ रही है."

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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप हमसे क्यों लड़ रहे हैं. हम सब भारतवासी हैं यदि हम आपस में लड़ेंगे तो फिर कोरोना से कैसे जीतेंगे. हमें आपस में नहीं सबको मिलकर कोरोना से लड़ना है.

मुख्यमंत्री ने कहा, "गरीबों को उनका राशन नहीं मिलता था. उनका राशन चोरी हो जाता था. तब हमने गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए लड़ाई लड़ी और हम पर 7 बार बार हमले किए गए. पिछले 75 साल से जनता राशन माफिया की शिकार हो रही है. अगले हफ्ते से दिल्ली में घर-घर राशन की स्कीम शुरू होनी थी. यह क्रांतिकारी योजना थी लेकिन केंद्र सरकार ने यह योजना रुकवा दी है."

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी स्कीम यह कहकर खारिज की गई है कि हमनें केंद्र सरकार से इस योजना के लिए मंजूरी नहीं ली. लेकिन यह गलत है एक नहीं 5 बार केंद्र सरकार से इस योजना के लिए मंजूरी मांगी है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कानूनन इस योजना को लागू करने के लिए हमें केंद्र से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन हम कोई विवाद नहीं चाहते, इसलिए हमने एक नहीं पांच पांच बार मंजूरी ली.

दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना रखा था. केंद्र को इस पर आपत्ति थी तो हमने इस योजना से 'मुख्यमंत्री' शब्द हटा दिया. हमने केंद्र सरकार की सभी शर्तो को मान लिया फिर भी इस स्कीम को नामंजूर कर दिया गया.

केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछा है कि यदि देश में पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफोन, कपड़ों आदि की होम डिलीवरी हो सकती है तो फिर गरीबों को राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए. यह बात सारा देश जानना चाहता है.

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कहा कि आपने कहा कि राशन दुकान वालों ने घर घर राशन की योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में केस दर्ज कर रखा है. हाईकोर्ट ने राशन दुकानदारों की अपील पर अभी तक इस योजना के खिलाफ स्टे नहीं दिया नहीं दिया, फिर भी क्यों केंद्र और उपराज्यपाल ने इस योजना को रोक दिया.

दिल्ली सरकार के मुताबिक कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करते हुए हमारी इस योजना के खिलाफ एक भी आपत्ति नहीं दी है. जब कोर्ट में हमारी योजना को लेकर केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं है फिर कोर्ट के बाहर इस योजना को क्यों खारिज किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना के माहौल में राशन की दुकान पर राशन लेने नहीं जाते. वहां भीड़ लगने के कारण लोगों को संक्रमित होने का खतरा रहता है. वहीं कई घरों में खाने का राशन नहीं है. हम एक एक घर में राशन पहुंचाना चाहते थे तो आखिर ऐसे में केंद्र सरकार को क्या आपत्ति है.

Source : News Nation Bureau

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