उत्तराखंड के एक पीड़ित परिवार के लिए बीजेपी के राज्यसभा सांसद फिर संकट मोचक साबित हुए हैं. दिल्ली में रविवार को हुए भारी जलभराव के दौरान वाहन के साथ डूबने से उत्तराखंड निवासी कुंदन की मौत होने पर परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने उठाई है. गरीबी में गुजर-बसर कर रहे परिवार के कुंदन ही एकमात्र कमाऊ सदस्य थे. इसे देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से घटना के बाद फोन पर बात की. वहीं उन्होंने पत्र लिखकर भी परिवार की मदद का अनुरोध किया.
भाजपा सांसद अनिल बलूनी की पहल पर उप राज्यपाल अनिल बैजल ने परिवार की मदद की दिशा में कार्रवाई भी शुरू कर दी है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के नौताश निवासी कुंदन सिंह दिल्ली में रहकर मालवाहक वाहन 'छोटा हाथी' चलाकर परिवार की रोजी-रोटी चलाते थे. रविवार की सुबह नई दिल्ली के मिंटो रोड ब्रिज पर हुए जलभराव के दौरान एक मालवाहक वाहन (छोटा हाथी) चालक सहित पानी में डूब गया, जिसमें कुंदन सिंह पुत्र भगवान सिंह की मौके पर ही दुखद मौत हो गयी.
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खबर मिलते ही बीजेपी सांसद ने परिवार की माली हालत की ली जानकारी
ये खबर जैसे ही भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को मिली तो उन्होंने परिवार की माली हालत के बारे में जानकारी ली. पता चला कि कुंदन परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे. जिस पर भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से फोन पर बात करने के बाद परिवार की मदद के लिए पत्र लिखा. उन्होंने मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता व एक परिजन को सरकारी सेवा में लेने का अनुरोध किया है. 56 वर्षीय कुंदन सिंह अपने पीछे पत्नी मुन्नी देवी और 24 तथा 12 वर्ष की दो पुत्रियां छोड़ गए हैं. अत्यधिक निर्धन कुंदन सिंह पर ही पूरे परिवार का भार था.
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लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं बीजेपी सांसद अनिल बलूनी
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद, अनिल बलूनी राज्य के लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं. इससे पूर्व वह दुबई में फंसे उत्तराखंड के पांच सौ लोगों की वापसी के लिए विदेश मंत्री और नागरिक उड्यन मंत्री से बात कर चुके हैं. अनिल बलूनी की पैरवी के उत्तराखंड के लगभग सोलह हजार विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को मान्यता प्राप्त हो सकी है. अनिल बलूनी की कोशिशों के बाद ही केंद्र सरकार ने एनसीटीई एक्ट में संशोधन के जरिए विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को मान्यता प्रदान की थी. लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों की वापसी के लिए उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट की थी. जिसके बाद मुंबई, पुणे, इंदौर बेंगलुरु जयपुर, और गुजरात के विभिन्न शहरों में फंसे उत्तराखंडियो की सकुशल वापसी हो सकी. और भी कई कार्य वह समय-समय पर उत्तराखंड के लोगों के लिए करते रहे हैं.