दिल्ली को कोरोना की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) से राहत अभी मिली ही नहीं थी कि उस पर एक और खतरनाक बीमारी ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने अटैक ने कर दिया. अब दिल्ली के लोगों को ब्लैक फंगस (Black Fungus) जैसी जानलेवा बीमारी का सामना करना पड़ रहा है. ब्लैक फंगस की चपेट में आकर दिल्ली में अब तक 89 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं 863 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज अब भी चल रहा है. जबकि 92 मरीज इस बीमारी से जंग जीत कर स्वस्थ हुए हैं. इस बीच न्यूज नेशन ने जीटीबी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल (Dr BL Sherwal) से बातचीत की और इस खतरनाक बीमारी की वजह से पैदा हुए हालात और तैयारियों के विषय में जानकारी ली.
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अब 10 मिनट में हो सकता है टेस्ट
डॉ बीएल शेरवाल ने कहा कि ब्लैक फंगस इंफेक्शन का पता लगाने के लिए अब लंबा समय इंतजार नहीं करना पड़ता. अगर किसी भी व्यक्ति को फंगल इंफेक्शन का शक है तो वह किसी भी बड़े अस्पताल जा सकता है. जिसके टिशू को चेक करके फिर 10 मिनट के अंदर पता लगाया जा सकता है कि किसी तरह का म्यूकार्माइकोसिस तो नहीं है. इसके लिए एंडोस्कोपी की ज्यादा जरूरत अब नहीं रह गई है.
एंफोटरइसिन-बी की उपलब्धता बड़ी
डॉ बीएल शेरवाल ने कहा कि पहले फंगल इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एंफोटरइसिन बी की बहुत ज्यादा कमी थी ,लोगों को जरूरत की तुलना में बहुत कम मिल पा रहा था, लेकिन अब स्थिति हर दिन के साथ सुधरने लगी है. हमारी आवश्यकता के मुताबिक इंजेक्शन मिलने लगे हैं. इससे सीधा फरक मृत्यु दर पर भी देखने को मिलेगा. जितना बेहतर इलाज होगा उतनी मृत्यु दर कम हो जाएगी.
सर्जरी और इंजेक्शन दोनों लाभदायक
उन्होंने कहा कि अब बड़ी संख्या में मरीज ब्लैक फंगस की शुरुआती चरण में ही हमारे पास पहुंच रहे हैं . जितनी जल्दी पहुंचेंगे, सर्जरी की जरूरत कम हो जाएगी. इसमें नेर्जल और आई सर्जरी की नौबत आ जाती है, लेकिन इंजेक्शन के जरिए भी फंगल इन्फेक्शन को ठीक किया जा सकता है.
धीरे-धीरे घटने लगेंगे ब्लैक फंगस के मामले
अब धीरे धीरे जैसे-जैसे कोरोना के मामले कम हो रहे हैं बीते 24 घंटे में 500 से भी कम नहीं के सामने आए हैं. ऐसे ही कुछ सप्ताह के अंदर ब्लैक फंगस के मामले भी कम होते हुए नजर आएंगे.
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आने वाले कुछ समय तक बढ़ सकते हैं मामले
डॉ बीएल शेरवाल ने कहा कि ने कहा कि बच्चों के अंदर मल्टी ऑर्गन फेलियर या ऐसी समस्या को इग्नोर नहीं किया जा सकता. बच्चों में कोरोना संक्रमण के लक्षण कम नजर आते हैं, लेकिन MisC की वजह से स्थिति खराब हो सकती है. ऐसे में उनके अभिभावकों और डॉक्टरों को पूरा ध्यान देना चाहिए आने वाले कुछ समय तक ऐसे मामले नजर आ सकते हैं.
MisC को हल्के में ना ले अभिभावक
उन्होंने कहा कि इस समस्या को हल्के में नहीं लिया जा सकता कई बार शुरुआत में बहुत छोटे लक्षण नजर आते हैं ,लेकिन उन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए. अगर सही समय पर अभिभावक अपने बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल लेकर आते हैं, तो उनके इलाज में काफी मदद मिलती है.
HIGHLIGHTS
- 'दिल्ली में अब 10 मिनट में होता है ब्लैक फंगस का टेस्ट'
- ब्लैक फंगस में सर्जरी और इंजेक्शन दोनों लाभदायक- डॉ शेरवाल