नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act-CAA) के तहत सांप्रदायिक हिंसा के बीच दिल्ली के चंद बाग इलाके में भीड़ द्वारा एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी की हत्या कर दी गई. अधिकारी की पहचान अंकित शर्मा के रूप में हुई है और वह 26 साल का था.
उनकी पथराव में हत्या कर दी गई थी. इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया गया. आईबी का अफसर अंकित चांदबाग में ही रहता था. वह ड्यूटी से घर लौटा था. जब दंगा हुआ तो घर से बाहर निकलकर जानकारी जुटाने लगे. परिवार ने एक स्थानीय पार्षद पर हत्या का आरोप लगाया है, जो कि ऑफिसर के घर के पास ही रहता है. 25 साल के अंकित आईबी में सिक्योरिटी असिस्टेंट की पोस्ट पर कार्यरत थे.
वहीं, दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैली हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को दी गई है. इसके साथ ही हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस को पूरी छूट दी गई है. शव चांद बाग पुलिया पर नाले से निकाला गया है. आरोप है कि मंगलवार शाम को जब वह ड्यूटी से घर लौट रहे थे. तभी चांद बाग पुलिया पर कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया.
उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी. इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया. परिजन मंगलवार से ही उनकी तलाश में थे. अंकित के पिता रविंदर शर्मा भी आईबी में हेड कांस्टेबल हैं. उन्होंने एक आप नेता के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पिटाई के साथ अंकित को गोली भी मारी गई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया है.
Source : News Nation Bureau