राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 पर पहुंच गया और शनिवार को यह खराब की श्रेणी में रहा. पश्चिमी दिल्ली इस दौरान सबसे प्रदूषित रही. इससे एक दिन पहले, हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ था. यह बात सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने कही. सीपीसीबी के अनुसार, 35 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से, वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 स्टेशनों में खराब की सूची में रहा, वहीं 10 मोडरेट सूची में रहा और एक काम नहीं कर रहा था.
पश्चिम दिल्ली के मुंडका में एक्यूआई सबसे खराब 286 रिकार्ड किया गया. दिल्ली के पड़ोसी शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता खराब आंकी गई. गाजियाबाद में इनसब जगहों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. पराली जलाने की वजह से, दिल्ली-एनसीआर में हर साल जाड़े के मौसम में प्रदूषण उच्च स्तर पर पहुंच जाता है. वहीं निचले वायुमंडल में ओस की बूंदें जब इस प्रदूषण के साथ मिल जाती है तो जहरीली हवा की एक मोटी चादर बिछ जाती है, जिससे शहर के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है.
शुक्रवार 15 किमी प्रतिघंटा रही थी हवा की रफ्तार
दिल्ली में शुक्रवार को हवा की गति अधिकतम 15 किलोमीटर प्रति घंटा रही और इसकी दिशा उत्तरपश्चिम थी. न्यूनतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. कम तापमान और हवा स्थिर रहने से सतह के नजदीक प्रदूषक जमा हो जाते हैं जिससे वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के ‘सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में रविवार तक सुधार होकर इसके मध्यम श्रेणी में आने की उम्मीद है.
दिल्ली की 24 घंटे का औसत एक्यूआई 202 रहा
बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव के क्षेत्र के उत्तर और मध्य भारत में वायु संचरण को प्रभावित करने की संभावना है. दिल्ली में सतही हवा की दिशा में सोमवार तक बदलाव होने एवं उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्वी होने की संभावना है. सफर ने कहा, इससे आने वाले सप्ताह में हवा की गुणवत्ता सकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है. दिल्ली की 24 घंटे का औसत एक्यूआई 202 रहा जो कि बृहस्पतिवार को 208 था. वायु गुणवत्ता 101 से 200 तक मध्यम, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच गंभीर मानी जाती है.
Source : News Nation Bureau