देश में बढ़ती बेरोजगारी की वजह से पढ़े-लिखे लोग भी एक बेहतर जॉब पाने से वंचित हो जाते हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी न तो उन्हें ढंग की नौकरी मिल पाती है और न ही वह अपने करियर को स्थायी बना पाते हैं. इन्हीं कमियों को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उद्यमी बनाने की जो मुहिम शुरू की गई है वह अब धीरे-धीरे रंग ला रही है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चे नए-नए आइडिया और सुझाव साझा कर रहे हैं. अलग-अलग बनाए गए समू्हों के बच्चों के नए आइडिया अब इतने कारगर साबित हो रहे हैं कि अब इंवेस्टर्स भी इसमें आगे आ रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत चयनित किए गए दो अलग-अलग समूहों के बच्चों के नए आइडिया न सिर्फ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को पसंद आए बल्कि इंवेस्टर्स भी इतने प्रभावित हुए कि वह बच्चों को आर्थिक रूप से मदद देने की घोषणा करने से खुद को नहीं रोक पाए.
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दिल्ली के दो अलग-अलग सरकारी स्कूलों से चयनित दो अलग समूहों के टीम लीडर्स से जब बातचीत की गई तो उन दोनों के बेहतर आइडिया जानकर हर कोई प्रभावित जरूर होंगे. दोनों समूहों के बच्चे फिलहाल अपने-अपने आइडिया पर काम कर रहे हैं. एक बेहतरीन अवसर के रूप में देख रहे ये बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अपने नए आइडिया पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि खुद के साथ-साथ अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़कर रोजगार दिला सकें.
बॉयो थीम पर काम कर रही है टीम
दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय राउज एवेन्यू स्कूल के 11वीं के छात्र मोहम्मद वसीम और उनकी टीम बॉयो प्लास्टिक पर काम कर रही है. इस समूह में मोहम्मद वसीम टीम लीडर के रूप में काम कर रहे हैं. उनके अंतर्गत कुल पांच बच्चे भी थीम पर काम करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. इस समूह का मकसद न सिर्फ बायो प्लास्टिक बनाना है बल्कि नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर अपनी टीम में अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर उन्हें रोजगार भी प्रदान करना है. मोहम्मद वसीम कहते हैं कि हम जिस समाज में रहते हैं वहां अभी भी पर्यावरण एक बड़ी समस्या है. प्लास्टिक का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है ऐसे में यह पर्यावरण के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है.
बायो प्लास्टिक को लेकर शुरू से ही थी इच्छा
वसीम कहते हैं कि उन्हें यह आइडिया सिविल सोसायटी को देखकर ही आया क्योंकि समाज में आज भी ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है जो न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह उतना ही नुकसानदेह है. वसीम कहते हैं कि बायो प्लास्टिक को लेकर शुरू से ही वह कुछ करने को इच्छुक थे. इसलिए उन्होंने इसी थीम को चुना. वसीम कहते हैं कि उनका मकसद ऐसा बायो प्लास्टिक तैयार करना है जो किसी भी तरह से हानिकारक नहीं हो, जो डीकंपोजेबल हो और वाटर सोल्यूबल (पानी में घुलनेवाला पदार्थ) भी हो यानी ऐसा प्लास्टिक तैयार करना है जो कहीं से भी नुकसानदायक नहीं हो.
कड़ी मेहनत कर रही है टीम
वसीम का कहना है कि इस बायो प्लास्टिक को तैयार करने के लिए उनकी टीम कड़ी मेहनत कर रही है. वसीम कहते हैं कि उनका यह आइडिया इंवेस्टर्स को इतना पसंद आया कि उन्हें इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कुछ राशि की स्वीकृति भी मिल गई है. वह कहते हैं कि वह इस पैसे को लैब टेस्टिंग और फॉर्मूले को पेटेंट कराने के लिए खर्च करेंगे.
कैरी बैग की तरह है यह बॉयो थीम
वसीम और उनकी टीम जिस बॉयो थीम पर काम कर रही है उनका मकसद कैरी बैग बनाना है. इस बैग को बनाने के लिए दिल्ली सरकार के साथ-साथ दो इंवेस्टर्स भी पूरी तरह इन सरकारी स्कूलों के बच्चों को मदद कर रही है.
ये है मार्केटिंग प्लान
वसीम का कहना है कि इस कैरी बैग को बेचने के लिए उन्होंने पहले ही प्लानिंग बना ली है. अधिक से अधिक कैरी बैग को बेचने के लिए वह शुरुआत में कम कीमत पर इसकी बिक्री करेंगे. साथ ही वेंडर्स, दुकानदार, मॉल सहित उन लोगों तक पहुंच बनाएंगे जहां इसकी सबसे अधिक डिमांड है.
इको फ्रेंडली लैंप बनाकर बाजार में उतारने की है योजना
बिजनेस ब्लास्टर कार्यक्रम के तहत दिल्ली के सीआर पार्क स्थित गवर्नमेंट ब्यॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे भी चयनित हुए हैं. इस समूह में सभी 9 सदस्य 11वीं के छात्र हैं जिनके टीम लीडर हेमंत सरकार हैं. इस टीम का उद्देश्य हैंडीक्राफ्ट के प्रोडक्ट बनाकर बाजार में बेचने की है. यह टीम फिलहाल इलेक्ट्रिक लैंप, टेबल लैंप, हैंगिंग लैंप, वॉल हैंगिंग लैंप और होम डेकोरेशन पर काम कर रही है. टीम लीडर हेमंत सरकार का कहना है कि उनके अलावा इस टीम में विशाल मंडल, देवाशीष कुंडू, सागर कुमार दास, राकेश व्यापारी, रोहित विश्वास, सूजन पाइक, राजीव कुमार मुंडा और सुबोदीप जाना शामिल है.
खूबसूरत हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट में नहीं किया जाएगा प्लास्टिक का इस्तेमाल
हेमंत सरकार का कहना है कि उनकी टीम अलग-अलग डिजाइन में खूबसूरत लैंप बनाने के काम में जुटे हैं. हेमंत का कहना है कि हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट बनाने का मुख्य उद्देश्य ये है कि उनके एक भी प्रोडक्ट में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. पैकेजिंग से लेकर प्रोडक्ट में इस्तेमाल मैटेरियल में बायो प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा. यहां तक कि वेस्ट मैटेरियल को भी पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए इंवेस्टर्स दिखा रहे रुचि
टीम लीडर हेमंत सरकार का कहना है फिलहाल उनकी योजना इलेक्ट्रिक लैंप बनाने की है और इसी पर वह फोकस कर रहे हैं. जैसे ही मार्केट में इसकी डिमांड बढ़ जाएगी तो उसके तुरंत बाद वह बैटरी से चलने वाले लैंप भी मार्केट में उपलब्ध कराएंगे. हेमंत का कहना है कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए इंवेस्टर्स भी आगे आ रहे हैं. फिलहाल उनकी पूरी टीम पढ़ाई के साथ-साथ इस प्रोजेक्ट पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
ये है मार्केटिंग आइडिया
हेमंत सरकार का कहना है कि अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए वह Exhibition के साथ-साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे. दुकानदारों और रेस्तराओं में जाकर संपर्क करेंगे. फिलहाल वह हैंडीक्रॉफ्ट के प्रोडक्ट पर काम कर रहे हैं. इनमें से कुछ बनकर तैयार भी हो चुके हैं और कुछ पर काम चल रहा है.
मिल रहे हैं नए ऑर्डर
टीम लीडर हेमंत सरकार का कहना है कि उन्होंने अब तक 50 डिजाइनिंग लैंप की बिक्री भी कर चुके हैं. इसके अलावा उन्हें 20 ऑर्डर भी आ चुके हैं. हेमंत का कहना है कि फिलहाल परीक्षा होने की वजह से वह नए ऑर्डर को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. जैसे ही परीक्षा समाप्त होगी उसके बाद फिर से नए ऑर्डर लेने शुरू कर देंगे. हेमंत सरकार का कहना है कि इस बिजनेस के जरिये उनका उद्देश्य ना सिर्फ उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना है बल्कि समाज में छिपे उन लोगों की प्रतिभा को उजागर करना है जो सबकुछ जानते हुए भी घरों में खाली हैं. ऐसे लोगों को न सिर्फ प्रशिक्षण देना है बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर नए रोजगार भी देना है.
HIGHLIGHTS
- बिजनेस ब्लास्टर के माध्यम से जुड़े स्कूली बच्चे कर रहे नए आइडिया पर काम
- बच्चों के नए आइडिया साबित हो रहे कारगर, अभी से मिलने लगे नए ऑर्डर
- खुद के साथ-साथ अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़कर देंगे रोजगार