नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को कहना है कि यदि उनके प्रदर्शन स्थल के चलते आम नागरिकों को परेशानियां हो रही हैं, तो सरकार को चाहिए कि उन्हें संसद के पास स्थान दे, ताकि वे अपना प्रदर्शन जारी रख सकें. सुप्रीम कोर्ट में शाहीनबाग स्थित रास्ते को खुलवाने को लेकर 17 फरवरी को सुनवाई होनी है. यहां 59 दिनों से लोग नए नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग के साथ डटे हुए हैं, जिसके चलते आस-पास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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प्रदर्शन स्थल पर मंगलवार को कुछ महिलाओं ने मौन व्रत रखकर अपना विरोध जताया. प्रदर्शनकारी हिना अहमद ने कहा, 'जब तक काला कानून (सीएए) वापस नहीं लिया जाता, हम नहीं हटेंगे. सरकार को चाहिए कि हमें संसद के पास स्थान दे, ताकि वह अपने प्रदर्शन को जारी रख सकें. किसी को हमारे खाने-पीने की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, हम इसका इंतेजाम खुद कर लेंगे.'
एक अन्य प्रदर्शनकारी कनीज फातिमा ने कहा, "हम कहीं नहीं जाएंगे, अपना विरोध प्रदर्शन यहीं जारी रखेंगे. प्रदर्शन कर रही महिलाएं तय करेंगी कि आगे क्या करना है. प्रदर्शन सभी का है, चाहे कुछ भी हो जाए, इतने समय से यहां बैठे हम लोग कमजोर नहीं पड़ने वाले हैं."