राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दूसरी बार गुरुवार को दोनों वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे. इस दौरान शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के रवैये से वार्ताकार साधना रामचंद्रन (Sadhana Ramachandran) नाराज हो गईं. वार्ता के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को गलत कह दिया था. साधना रामचंद्रन ने कहा, हमारी मध्यस्थता वार्ता जारी है और हम शुक्रवार को फिर से शाहीन बाग आएंगे.
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शाहीन बाग में वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन दूसरे दिन की वार्ता बेनतीजा बताई जा रही है. इस दौरान वार्ताकार साधना रामचंद्रन नाराज हो गई हैं. बातचीत के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका गलत है जिस पर साधना बिफर गईं. उन्होंने कहा कि हम शुक्रवार को अलग-अलग जगह पर 10-15 महिला प्रदर्शनकारियों के साथ बात करना चाहेंगे. यहां बात करने लायक माहौल नहीं है.
बता दें कि जब वार्ताकार साधना रामचंद्रन बुधवार को प्रदर्शनकारियों को समझा रही थीं कि नागरिकता संशोधन एक्ट से आप लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि हमें पता है कि सीएए क्या है, आपको बताने की जरूरत नहीं है, जबकि कुछ प्रदर्शनकारी वार्ताकार के स्पीच को बहुत ही गंभीरता से सुन रहे थे. इससे बुधवार को पता चल गया था कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी दो गुट में बंट गए हैं. एक गुट समझौता चाहता है तो दूसरा गुट सीएए के विरोध में बना रहना चाहता है.
प्रदर्शनकारियों के रवैये से नाराज हुईं साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को बाहर जाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि एक हाथ से ताली नहीं बजती है. इस जगह पर सही बर्ताव नहीं हो रहा है. हमने शांति की कोशिश की, लेकिन यह संभव नहीं है, इसलिए ऐसे में माहौल में वार्ता संभव नहीं है. अगर ऐसा ही रहा तो हम कल नहीं आएंगे. हालांकि, बाद में साधना रामचंद्रन ने कहा कि हमारी मध्यस्थता वार्ता जारी है और हम शुक्रवार को फिर से शाहीन बाग आएंगे.
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साधना बोलीं- आपने बुलाया था, इसलिए हम आए हैं
इससे पहले संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि मीडिया की मौजूदगी में बातचीत नहीं करेंगे. वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि आपने हमें बुलाया था, इसलिए हम आए हैं. आप लोगों के जो भी मुद्दे हैं वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचा चुका है. सुप्रीम कोर्ट के सामने आपके सवाल हैं. सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) पर सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि आंदोलन आपका हक है. शाहीन बाग है और बरकरार भी रहेगा. कोर्ट ने हमें सड़क को लेकर बातचीत के लिए भेजा है.
वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने आगे कहा कि हमें सोच समझकर आगे बढ़ना है, हिन्दुस्तान की एकता को कुछ नहीं हो सकता है. दो महीने से ये सड़क बंद है. हम आपकी इच्छा समझना चाहते हैं. हम किसी की समस्या नहीं देख सकते हैं. हम जानना चाहते हैं कि आप क्या चाहते हैं. कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका समाधान न हो. अगर बात नहीं बनी तो फिर मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा.
इसके बाद वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि बंद सड़क को लेकर कोर्ट ने बातचीत के लिए भेजा है. एक दूसरे की मदद करे, परेशान न करे. शाहीन बाग के प्रदर्शन से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. हम चाहते हैं कि शाहीन बाग का प्रदर्शन देश के लिए मिसाल हो. जब तक सुप्रीम कोर्ट है आपकी बात सुनी जाएगी. आप पिछले दो माह से धरने पर बैठे हुए हैं, हम भारत में एक साथ रहते हैं ताकि दूसरों को असुविधा न हो. वार्ताकार जब मंच से संबोधित कर रहे थे उस वक्त मीडिया को दूर रखा गया था.