केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उसे अपने पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत मामले में दाखिल की गई प्राथमिकी की जांच को पूरा करने के लिए और समय दिए जाने की जरूरत है. सीबीआई ने अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार व दो अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इन पर आरोप है कि इन्होंने दिसंबर 2017 व अक्टूबर 2018 के बीच मोइन कुरैशी मामले में कम से कम पांच बार रिश्वत लिया.
सीबीआई ने अदालत में सीलबंद लिफाफे में अपनी स्थिति रपट दाखिल की है. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने मामले में सुनवाई गुरुवार के लिए तय कर दी, क्योंकि सीबीआई के ज्यादा समय मांगने की प्रति अस्थाना व अन्य पक्षों को नहीं दी गई.
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अदालत ने 11 जनवरी को अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया था. यह मामला एजेंसी ने रिश्वत के आरोपों को लेकर दाखिल किया था. इसमें सीबीआई को जांच 10 हफ्तों में पूरी करने का निर्देश दिया गया था, जो 24 मार्च को समाप्त हो गया. अदालत ने अस्थाना की प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कुमार व कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद को निलंबित कर दिया. उच्च न्यायालय ने कहा कि उनके खिलाफ गलाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं.
Source : IANS