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सत्येंद्र जैन मामले में सीबीआई का इनकार,नहीं दाखिल की है क्लोजर रिपोर्ट 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य और गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को कोलकाता की एक कंपनी से संबंधित कथित हवाला लेनदेन के सिलसिले में गिरफ्तार किया.

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Pradeep Singh
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कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

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केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मंगलवार को उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ एक क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है. सीबीआई के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, "सत्येंद्र जैन के खिलाफ कोई क्लोजर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है. सीबीआई ने 24 अगस्त, 2017 को सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने का मामला दर्ज किया था और 3 दिसंबर, 2018 को उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी."

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दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग से शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने 2017 में सबसे पहले प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी. बाद में निष्कर्षों के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई, और तलाशी और छापेमारी की गई. सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान उसे "2016 में पीडब्ल्यूडी विभाग में एक 'क्रिएटिव टीम' में पेशेवरों की भर्ती संबंधित कुछ सबूत मिले थे."

सीबीआई ने कहा, "शिकायत के अनुसार, विज्ञापनों के माध्यम से सूचित किया गया था कि इन पेशेवरों को 'ट्रेंडिंग मार्केट रेट' के अनुसार लगभग 25,000 रुपये से 1,00,000 रुपये के बीच भुगतान किया जाएगा."

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य और गृह मंत्री सत्येंद्र जैन को कोलकाता की एक कंपनी से संबंधित कथित हवाला लेनदेन के सिलसिले में गिरफ्तार किया.

जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई मुखौटा कंपनियां (shell companies) बनाई थीं या खरीदी थीं. उसने कथित तौर पर कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 मुखौटा कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये के काले धन का शोधन भी किया. कथित तौर पर जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, केजरीवाल की सरकार में मंत्री बनने के बाद 2015 में उनके सारे शेयर उनकी पत्नी को ट्रांसफर कर दिए गए.

ये कंपनियां अपने कोलकाता समकक्षों को नकद भुगतान हस्तांतरित करती थीं और ये कंपनियां बाद में, शेयर खरीदने के बहाने, कानूनी साधनों का उपयोग करके जैन को "पैसे वापस भेजती हैं". कंपनियों ने कथित तौर पर 2010 से 2014 तक सत्येंद्र जैन को 16.39 करोड़ रुपये का धन शोधन किया है.

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अरविंद केजरीवाल ने न्यायपालिका में विश्वास व्यक्त करते हुए इस मामले को "पूरी तरह से धोखाधड़ी" करार दिया. उन्होंने कहा कि, "मैंने व्यक्तिगत रूप से इस (सत्येंद्र जैन की ईडी द्वारा गिरफ्तारी) मामले का अध्ययन किया है, यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है. हम न तो भ्रष्टाचार को सहन करते हैं और न ही हम भ्रष्टाचार करते हैं. हमारे पास एक बहुत ही ईमानदार सरकार है. उन्हें राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया गया है. हमें अपने न्यायपालिका पर विश्वास है. ”

Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal Chief Minister Arvind Kejriwal Central Bureau of Investigation against AAPs Satyendar Jain cabinet minister Satyendar Jain No closure report filed Vigilance Department
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