दिल्ली में बहुप्रतीक्षित घर-घर राशन वितरण योजना पर ग्रहण लग गया है क्योंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुहैया किए जाने वाले राशन का वितरण कोई राज्य सरकार अन्य योजना के नाम से करे, यह केंद्र सरकार को मंजूर नहीं है. दिल्ली सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत राशन बांटने के लिए 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना (एमएमजीजीआरवाई)' जल्द ही शुरू करने जा रही थी. मगर, केंद्र सरकार ने एनएफएसए के अनाज के वितरण के लिए इस योजना को मंजूरी देने से मना कर दिया है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में संयुक्त सचिव एस. जगन्नाथन ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव सह आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि एनएफएसए के अनाज के वितरण के लिए दिल्ली सरकार द्वारा योजना के नए नाम को स्वीकृति नहीं दी जा सकती है. हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार एनएफएसए के अनाजों की मिक्सिंग किए बगैर अगर अलग से कोई योजना बनाती है तो उसे कोई एतराज नहीं होगा.
केंद्र सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में दिल्ली सरकार से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत पात्र लाभार्थियों को राशन वितरण के लिए एनएफएसए के मानदंडों को पालन करने का आग्रह किया गया है. केंद्र सरकार ने कहा कि एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए जो राशन राज्यों को आवंटित किया जाता है उसका उपयोग एनएफएसए के अलावा दूसरे नाम के तहत राज्य की योजना या अन्य योजना को लागू करने के लिए नहीं किया जा सकता है.
साथ ही, नाम समेत अधिनियम के प्रावधानों में नाम में किसी प्रकार का बदलाव संसदीय प्रक्रियाओं के तहत ही किया जा सकता है. उधर, आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली सरकार ने केंद्र पर डोरस्टेप राशन वितरण योजना पर रोक लगाने का आरोप लगाया है. केजरीवाल सरकार द्वारा राशन की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए योजना को अधिसूचित किया गया था, जो कि पहले की घोषणा के अनुसार, इस साल मार्च के अंत तक प्रभावी होना था. केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में अपने गणतंत्र दिवस के भाषण के दौरान इस योजना की घोषणा की थी.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के 'मुख्यमंत्री घर घर योजना'(एमएमजीजीआरवाई) के तहत घोषित इस योजना को सरकार द्वारा 20 फरवरी को अधिसूचित किया गया था. लाभार्थियों को उनके घर पर पैकेट में गेहूं का आटा और चावल पहुंचाया जाना है. दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने लाभार्थियों, उनके कोटा और बायोमेट्रिक विनिदेशरें की एक सूची तैयार की है, जिसके अनुसार उन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की लागत के साथ प्रसंस्करण शुल्क का भुगतान करना होगा. केजरीवाल ने अपने गणतंत्र दिवस के संबोधन में उल्लेख किया कि राजधानी में सभी लाभार्थी जिनके पास राशन कार्ड है, वे योजना का लाभ उठा सकते हैं. यह योजना वैकल्पिक होगी और मौजूदा टीपीडीएस लाभार्थियों को इसके तहत नामांकन के लिए निर्दिष्ट करना होगा. दिल्ली में लगभग 17 लाख पीडीएस लाभार्थी हैं.
HIGHLIGHTS
- केंद्र ने बताई दिल्ली सरकार की योजना रोकने की वजह
- संयुक्त सचिव एस. जगन्नाथन ने दिल्ली सरकार लिखा पत्र
- गणतंत्र दिवस भाषण में केजरीवाल ने की थी योजना की घोषणा