दिल्ली: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बनी नई रणनीति, स्थाई इलाज होगा

एक्यूआई का मतलब एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी हवा की शुद्धता की क्वालिटी होती है. अब जिन चार कैटेगरी में इसे बांटा गया है, इसके तहत पहले चरण में एक्यूआई 201-300 होगा. दूसरे चरण में बहुत खराब श्रेणी में एक्यूआई 301-400 होगा.

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Shravan Shukla
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दिल्ली में वायु प्रदूषण

दिल्ली में वायु प्रदूषण( Photo Credit : File/News Nation)

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने को लिए नई रणनीति बनाई गई है. एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के कमिश्नर ने इस बारे में तमाम दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही रिवैंप्ड ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान यानी ग्रैप बनाया गया है. इसके तहत अलग-अलग श्रेणी में कई प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिसमें निर्माण कार्य से लेकर वर्क फ्रॉम होम व दिल्ली में डीजल वाहनों के चलाने पर पाबंदी तक शामिल है. हालांकि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन यानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पहले भी ग्रैप यानी रिवैंप्ड ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान बनाया था. पुराने ग्रैप में एक्यूआई को पांच श्रेणियों में बांटा गया था लेकिन अब इसे चार श्रेणी में बांटा गया है.

एक्यूआई से पता चलता है प्रदूषण का स्तर

आपको ये भी बता दें कि एक्यूआई का मतलब एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी हवा की शुद्धता की क्वालिटी होती है. अब जिन चार कैटेगरी में इसे बांटा गया है, इसके तहत पहले चरण में एक्यूआई 201-300 होगा. दूसरे चरण में बहुत खराब श्रेणी में एक्यूआई 301-400 होगा. तीसरे चरण में एक्यूआई 401-450 होगी यानी अब हवा में शुद्धता बेहद कम है और स्थिति गंभीर है. वहां आखिरी चौथे चरण को 'गंभीर से ज्यादा खराब श्रेणी में रखा गया है जिसमें एक्यूआई 450 या उसे ज्यादा होगा. 

आयोग ने दिये हैं ये निर्देश

आयोग ने कहा है कि एक्यूआई के चरण दो, तीन व चार में दिल्ली एनसीआर राज्य सरकारों को प्रदूषण स्तर के आधार पर अलर्ट मोड के साथ कार्रवाई करनी होगी. बता दें कि साल 2021 के दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को दिल्ली-एनसीआर में 'वायु प्रदूषण के खतरे का स्थायी समाधान खोजने' के लिए एक नीति तैयार करने को कहा था. इस नीति को तैयार करने से पहले आम जनता और विशेषज्ञों से सुझाव भी लिए गए हैं. इसके बाद जनवरी 2022 में इस समिति का गठन किया गया था. अब समिति ने सुझावों के आधार पर प्रदूषण रोकने के लिए ग्रैप में बदलाव किया है. इस नीति में उद्योगों, वाहनों, निर्माण और विध्वंस, सड़कों और खुले क्षेत्रों से धूल, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के कारण एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित करने और कम करने के लिए केंद्र सरकार, एनसीआर राज्यों और दिल्ली की एजेंसियों और विभागों के लिए क्षेत्रवार सिफारिशें शामिल हैं. 

कई तरह की पाबंदियों पर विचार

अब ग्रैप को लेकर जो नई योजना बनी है, उसमें नियम है कि जैसे एक्यूआई दूसरे चरण में यानी 301 से ऊपर जाएगा, तमाम पाबंदियां शुरू हो जाएंगी. सबसे पहले रेस्तरां, खुले भोजनालयों में तंदूर, कोयले व लकड़ी जलाने पर पाबंदी लग जाएगी. जरूरी सेवाओं को छोड़कर जनरेटर पर भी पाबंदी होगी. जैसे ही एक्यूआई 400 के ऊपर जाएगा इसे गंभीर श्रेणी मानते हुए एनसीआर में निर्माण व तोड़फोड़ गतिविधियों पर भी पाबंदी लग जाएगी. हालांकि इस दौरान आवश्यक परियोजनाओं जैसे रेलवे, महानगरों, हवाई अड्डों, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा/ राष्ट्रीय रक्षा से संबंधित परियोजनाओं पर कोई रोक लागू नहीं होगी. एक्यूआई के गंभीर श्रेणी यानी तीसरे चरण में आते ही निजी वाहनों पर पाबंदी लगेगी.

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गाड़ियों पर लग सकता है बैन

दिल्ली-एनसीआर में आने वाले राज्य सरकारें बीएस 3 श्रेणी वाले पेट्रोल और बीएस चार श्रेणी वाले डीजल के वाहनों पर भी पाबंदी लगा सकती है हालांकि ये नियम चार पहिया वाहनों यानी फोर व्हीलर पर ही लागू होगा. चौथी श्रेणी, जिसमें एक्यूआई 450 से ऊपर होगा, उस श्रेणी में जरूरी सामानों से लदे ट्रक को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक होगी. दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल चालित हल्के व्यवसायिक वाहनों पर पाबंदी लग जाएगी. चौथे चरण में गंदे ईंधन पर चलने वाले उद्योगों और राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज और पाइपलाइनों जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं पर भी प्रतिबंध लगेगा.

HIGHLIGHTS

  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारने पर जोर
  • पेट्रोल-डीजल की पुरानी गाड़ियां होंगी बैन
  • डीजल चालित हल्के व्यावसायिक वाहनों पर भी लगेगी पाबंदी
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