दिल्ली में यमुना का किनारा इस बार सुना पड़ा हुआ है, यहां बने छठ घाट पर पूरी तरह से सन्नाटा है . इस साल न ही यहां तैयारी करते कार्यकर्ता दिखाई पड़ेंगे और ना ही भक्त. कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह साफ कर दिया है कि छठ पूजा पर सभी तरह के सामूहिक आयोजन पर पाबंदी होगी. सरकार ने साफ कहा है कि लोगों को इस बार छठ अपने घर की छत पर मनानी होगी ना कि घाटों पर पहुंचकर.
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दूसरी तरफ बीजेपी दिल्ली सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है. बीजेपी का साफ-साफ कहना है कि जिस तरह से बाकी त्यौहार के लिए sop बनाई गई उसी तरह से छठ पूजा के लिए भी sop बनाई जाए ना कि उस पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाए.
हालांकि आईटीओ पर छठ पूजा का आयोजन करने वाली समिति दिल्ली छठ पूजा समिति के लोगों का मानना है कि दिल्ली सरकार का निर्णय सही है और वह पूरी तरह से सरकार के साथ है. दिल्ली में लगभग 40 लाख बिहारी है जिनमें से डेढ़ लाख बिहारी आईटीओ पर छठ पूजा के लिए पहुंचते हैं.
बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाएगा. हालांकि, श्रद्धालु अपने-अपने घरों में या किसी निजी स्थल पर छठ पर्व मना सकेंगे. छठ पर्व के लिए कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होगा. DDMA द्वारा इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है.
आदेश के मुताबिक दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक स्थल, सार्वजनिक ग्राउंड, घाट और मन्दिर में नवम्बर के महीने में छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जायेगा. डीएम और डीसीपी को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है.
Source : News Nation Bureau