Chhath Puja 2024: (रिपोर्ट- राहुल डबास) 48 घंटे के अंदर छट पर्व की शुरुआत हो जाएगी, उसके लिए छठ समिति और दिल्ली सरकार, प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. आईटीओ के छट घाट पर भी तैयारियां जोरों पर हैं. जहां पर टेंट के साथ विशेष पूजा के लिए अलग-अलग स्तर के आयोजन किए जाने हैं. इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से यमुना नदी के पास भी बल्लिया लगाई गई हैं, जिससे सुरक्षित और सुचारू तरीके से आस्था के महापर्व को मनाया जा सके.
जानें दिल्ली में कैसी है छठ की तैयारी
दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण और नदी की गहराई को देखते हुए राजधानी के आईटीओ पर छट पर्व में आचमन हेतु एक कृत्रिम तालाब बनाया गया है. जहां पर श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत के अनुष्ठान पूरे किए जाएंगे, लेकिन यहां आलम यह है कि कृत्रिमस तालाब का पानी सड़ने लगा है और गंदगी की वजह से मच्छर भी पनपन लगे हैं. जिससे यहां छठ महापर्व मनाने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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यमुना का पानी हुआ प्रदूषित
जहां दिल्ली सरकार कह रही है कि छठ महापर्व के लिए इस बार 1000 से अधिक स्थलों पर छट पूजा की तैयारियां की गई हैं तो वहीं वजीराबाद से अतिरिक्त जल भी छोड़ा जा रहा है, जिससे यमुना के पानी को निर्मल किया जा सके. लेकिन आईटीओ पर स्थिति इसके उलट दिखाई दे रही है. क्योंकि आईटीओ पर बनाए गए छठ घाट पर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है.
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यहां यमुना का पानी काला पड़ चुका है और उससे बदबू भी आने लगी है, हालांकि आईटीओ की स्थिति कालिंदी कुंज से बेहतर है, क्योंकि यहां रासायनिक झाग जैसी तस्वीर नजर नहीं आ रही. जबकि कालिंदी कुंज पर यमुना में सफेद झाग देखने को मिल रहा है.
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अभी से स्नान करने पहुंचने लगे लोग
छठी मैया के महाव्रत को शुरू होने में अभी 2 दिन का समय शेष है. उसके बावजूद बिहार के अलग-अलग जिलों से आने वाले लोगों ने यमुना नदी में स्नान करना शुरू कर दिया है. छठ घाट पर सुबह-सुबह ही श्रद्धालु गंदे पानी में स्नान करते और पूजा करती हुई महिलाएं नजर आने लगी हैं. उनका कहना है कि उन पर छटी मैया का आशीर्वाद है, इसलिए यमुना का पानी कितना भी प्रदूषित क्यों ना हो, लेकिन उन्हें किसी तरह का चर्म रोग नहीं होगा. उनका कहना है कि छठी मैया इस गंदे पानी में भी उनकी सुरक्षा पवित्रता से करेंगी.