दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Cm Arvind Kejriwal) ने बृहस्पतिवार को कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति बदतर होती जा रही है. साथ ही उन्होंने लोगों से पटाखे नहीं फोड़ने और उनके तथा उनके मंत्रियों के साथ आप सरकार द्वारा इस दिवाली पर आयोजित किए जाने वाले ‘लक्ष्मी पूजन’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अपील की. केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य 14 नवम्बर को रात सात बजकर 39 मिनट पर ‘लक्ष्मी पूजन’ करेंगे. उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे अपने घरों से टेलीवजन या ऑनलाइन मंचों के जरिए इससे जुड़ें और साथ मिलकर पूजा करें.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली इस समय कोविड-19 और बढ़ते वायु प्रदूषण का सामना कर रही है और आप सरकार इससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. सीएम ने लोगों से दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ने की अपील करते हुए कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति बदतर होती जा रही है. दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के सर्वाधिक 6,800 से अधिक नए मामले सामने आए थे.
केजरीवाल ने कहा था कि शहर बढ़ते वायु प्रदूषण और त्योहार के मौसम के बीच वायरस की ‘तीसरी लहर’ का सामना कर रहा है. शहर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली सरकार ने पिछले साल दिवाली पर कनॉट प्लेस में ‘लेज़र शो’ का आयोजन किया था. केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस बार भी हम एक साथ दिवाली मनाएंगे और किसी भी हाल में पटाखे नहीं फोड़ेंगे. दो करोड़ लोगों के एक साथ लक्ष्मी पूजन करने पर एक अद्भुत वातावरण बनेगा. इससे हर घर का कल्याण होगा.
पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और हवा की गति कम होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार सुबह प्रदूषण पिछले एक साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया था। क्षेत्र में आसमान में धुंध की परत छाने से लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी निकलने की शिकायत की. विशेषज्ञों ने बताया कि हवा नहीं चलने, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थिति और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से बुधवार रात वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा. केजरीवाल ने कहा कि पराली जलने से निकल रहे धुएं के कारण दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति बदतर हो रही है.
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि पराली जलाए जाने की वजह से हर साल यह होता है और बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि संबंधित राज्य इस समस्या से निपटने के लिए कोई ‘ठोस’ कदम नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के किसानों ने उन्हें बताया कि वे पराली जलाना नहीं चाहते, क्योंकि इससे मिट्टी के जीवाणु मर जाते हैं और उर्वरता कम होती है, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है क्योंकि उनकी सरकार उनकी मदद के लिए कुछ नहीं करती. उन्होंने कहा कि इस साल यह आखिरी बार होना चाहिए क्योंकि पूसा संस्थान ने पराली को 20 दिन में खाद बनाने का एक रसायन उपलब्ध करा दिया है.
केजरीवाल ने कहा कि अगले साल सरकार कोई बहाना नहीं बनाए कि पराली जलाने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं है, क्योंकि दिल्ली ने यह नया मॉडल दिया है. हर राज्य सरकार को पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए अपने किसानों की दिल्ली सरकार की तरह मदद करनी चाहिए. दिल्ली सरकार ने पूसा संस्थान द्वारा विकसित ‘बायो-डी कम्पोजर’ के मुफ्त में खेतों पर छिड़काव की व्यवस्था की है, ताकि किसान पराली ना जलाएं.
Source : News Nation Bureau