नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्ष का विरोध बढ़ता जा रहा है. 21 पार्टियां उद्घाटन के विरोध में एकसाथ खड़ी हो गई हैं. अब नीति आयोग की एक बैठक को लेकर भी विपक्ष दूरी बना रहा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सीएम केजरीवाल ने पत्र लिखकर कहा, पीएम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानते तो लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे. उन्होंने कहा कि पीएम गैर भाजपा सरकार के कामों में बाधा न डालें. दूसरी ओर सीएम भगवंत मान ने एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पंजाब के हितों के बारे में नहीं सोच रही है. उन्होंने कहा कि अगस्त के माह में आरडीएफ पराली और किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाया गया था. इसे लेकर केंद्र सरकार ने कोई रिस्पांस नहीं किया है.
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गौरतलब है कि राजधानी में 27 मई को नीति आयोग की बैठक होगी. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और कांग्रेस शासित प्रदेशों के सीएम ने शामिल होने से मना कर दिया है. इसके बाद पंजाब सीएम के भगवंत मान ने भी बैठक का बहिष्कार किया है. ममता का आरोप है कि बैठक में सिर्फ बयानबाजी होती है. उन्हें घंटो तक बिठा कर रखा जाता है. मीटिंग में कुछ भी बोलने का मौका नहीं मिलता है. ऐसे में देखा जाए तो केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ता दिख रहा है.
27 मई की बैठक का उद्देश्य क्या है
पीएम नरेंद्र मोदी 27 मई को नीति आयोग के संचालन परिषद की आठवीं बैठक में हिस्सा लेंगे. यह बैठक मुख्य रूप से देश को 2047 तक विकसित देश बनाने को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है. इसमें स्वाथ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण जैसे बुनियादी पहलुओं पर चर्चा होगी. इस बैठक में सभी राज्यों के सीएम और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और केंद्रीय मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि बैठक में इस बार विपक्षी दलों के कई सीएम भाग नहीं लेने वाले हैं.
HIGHLIGHTS
- सीएम केजरीवाल ने भी इस बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया
- राजधानी में 27 मई को नीति आयोग की बैठक होगी
- सीएम ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया
Source : News Nation Bureau