दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 9 महीने मुश्किल गुजरे. मुश्किल कब ख़त्म होगी पता नही है. उम्मीद है वैक्सीन से जीवन पटरी पर आ जाये, लेकिन जबतक वैक्सीन नही आती जीवन जीने का समाधान निकालना होगा. कभी ज़िंदगी मे नही सोचा था कि बच्चे कम्प्यूटर या मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे. मिड डे मील का अमाउंट अबतक अभिभावकों को उनके एकाउंट में ट्रासंफर किया गया. लॉक डाउन सबसे मुश्किल दौर था.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉक डाउन में लोगों की नौकरी चले गयी थी. रोज कमाने वाले के लिए खाने के लाले पड़ गए थे. लॉक डाउन के दौरान खाने की दिक्कत न हो इसलिए हमारी सरकार ने रोजाना 10 लाख लोगों के खाने का इंतजाम होता था. लॉक डाउन के दौरान दिल्ली में 1 करोड़ लोगों को 3 महीने तक सूखा राशन दिया गया था. लॉक डाउन के दौरान बुजुर्गों की पेंशन डबल कर दी गयी, मजदूरों के एकाउंट में 5 हजार रूपए ट्रांसफर किये गए, टैक्सी और ऑटो चालकों के अकाउंट में 5 हजार रूपए ट्रांसफर किए गए. अब इसकी चर्चा गोवा में भी हो रही है.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की 3 लहर आ चुकी हैं। जब दिल्ली में रोजाना साढ़े 8 हजार कोरोना केस आ रहे थे जो दुनिया मे सबसे ज्यादा था लेकिन दिल्ली वालों ने कोरोना पर काबू पाया. साथ ही अरविंद केजरीवाल कहा कि नए कोरोना स्ट्रेन से निपटने के लिये दिल्ली पूरी से तैयार है.
Source : News Nation Bureau