दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नगर निगम के अस्पतालों में डॉक्टरों को वेतन न दिए जाने को शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को संविधान और कानून के हिसाब से निगमों को जितना फंड देना होता है, उससे 20 रुपए ज्यादा का भुगतान किया गया है. उल्टा दिल्ली सरकार ने तीनों नगर निगम को 3800 करोड़ रुपये का लोन दे रखा है, जो उनको वापस करना है. इसके अलावा 3,000 करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड का बिल अदा नहीं किया गया है.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने निगमों को 12 हजार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है. केंद्र सरकार को यह धनराशि देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार है. जिसकी वजह से धन के लाले पड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों ने कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में ड़ालकर लोगों की सेवा की और उनको वेतन नहीं दिया गया है.
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2013 में कांग्रेस की सरकार थी 2014 में राष्ट्रपति शासन था. उन दिनों में जितने पैसे देते थे उससे दोगुने तीनगुना पैसे देने शुरू किये. तो पैसे जा कहां रहे हैं. दिल्ली सरकार का जितना पैसा बनता था उतना दे दिया. केंद्र सरकार पूरे देश मे जितने नगर निगम हैं उनको ग्रांट देती है. 485 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से पूरे देश में सारे नगर निगमो को केंद्र सरकार ग्रांट दे रही है दिल्ली को छोड़कर. 10 साल के 12 हज़ार करोड़ रुपए केंद्र सरकार नगर निगम को देना है.
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सीएम ने कहा कि हमने एक फ्लाइओवर में 53 करोड़ बचा लिए. हमने हर फ्लाइओवर में पैसे बचाये. रानी झांसी फ्लाइओवर नगर निगम ने बनाया था. 14 साल लगा दिये, 2010 में बनना था 2018 में बना. 178 करोड़ की जगह 750 करोड़ रुपए लगा. कहां गए ये पैसे. उन्होंने कहा, सबको पता है कहां गए. आपको भ्रष्टाचार कम करना पड़ेगा. पैसे जा कहां रहे हैं, जनता पूछना चाहती है.
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दिल्ली सरकार के पास भी पैसा नहीं है कोरोना के टाइम पर अगर हमारे पास पैसा होता तो मैं आज ही जाकर तनख्वाह दे आता, लेकिन हमारे पास पैसा नहीं है अभी. केंद्र सरकार जो 12 हज़ार करोड़ देना है उसमें से थोड़ा पैसा दे दें तो डॉक्टर की सैलरी दे दी जाती.
Source : News Nation Bureau