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दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए 10 हजार बस मार्शल हुए तैनात, एंटी-पॉल्यूशन अभियान की शुरुआत

दिल्ली सरकार ने लगभग 10,000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स (CDVs), जिन्हें पिछले साल बस मार्शल के पद से हटा लिया गया था, अगले सप्ताह से काम पर लौटने जा रहे हैं. इन वालंटियर्स को चार महीने के लिए प्रदूषण विरोधी उपायों को लागू करने के लिए तैनात किया जाएगा.

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Garima Sharma
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CM ATISHI

दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए 10 हजार बस मार्शल करेंगे तैनाती, एंटी-पॉल्यूशन अभियान की शुरुआत

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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. लगभग 10,000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स (CDVs), जिन्हें पिछले साल बस मार्शल के पद से हटा लिया गया था, अगले सप्ताह से काम पर लौटने जा रहे हैं. इन वालंटियर्स को चार महीने के लिए प्रदूषण विरोधी उपायों को लागू करने के लिए तैनात किया जाएगा. मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को इस फैसले की घोषणा की और बताया कि दिल्ली सरकार ने इस संदर्भ में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

सिविल डिफेंस वालंटियर्स का पंजीकरण

मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि सोमवार से इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को कॉल आउट नोटिस जारी किया जाएगा और फिर वे मंगलवार और बुधवार को संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में पंजीकरण करा सकते हैं. पंजीकरण के बाद, ये वालंटियर्स प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स का प्रबंधन करेंगे, जैसे कि धूल और कचरा जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकना. इस कदम का उद्देश्य दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करना है और नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है.

बस मार्शल के रूप में CDVs की तैनाती

सीडीवी का बस मार्शल के रूप में तैनात होना कोई नया कदम नहीं है. 2018 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को दिल्ली की बसों में मार्शल के रूप में तैनात किया था. हालांकि, अक्टूबर 2023 में इन्हें अचानक हटा दिया गया था, जिससे राज्य सरकार और भाजपा के बीच विवाद खड़ा हो गया था. मुख्यमंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने एक साजिश के तहत इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को हटा दिया, जबकि आम आदमी पार्टी ने लगातार उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया. 

सैलरी पर बीजेपी का पलटवार

दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस कदम पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी को अंततः बीजेपी के दबाव में आकर यह निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने 1 नवंबर से इन्हें काम पर तैनात करने का आदेश दिया था, लेकिन उन्हें सैलरी 1 नवंबर से दी जानी चाहिए थी. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने बस मार्शल्स की दिवाली खराब कर दी थी, और अब यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन कर्मचारियों को समय पर वेतन मिले.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना का हस्तक्षेप

पिछले दिनों दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार को इस मामले में कठघरे में खड़ा किया था. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें अब तक कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, जिसके तहत हटाए गए बस मार्शल्स को फिर से बहाल किया जा सके. इसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि इस मामले में प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है और सिविल डिफेंस वालंटियर्स को जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण कार्यों में तैनात किया जाएगा.

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