सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग को एक बार फिर घर-घर राशन वाली फाइन भेजा है. एक बार फिर लगता है कि राजधानी दिल्ली में लागू की जाने वाली 'घर-घर राशन योजना' पर एक बार फिर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सियासी संग्राम छिड़ना तय हो गया है. दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा योजना पर रोक लगाए जाने के बाद बृहस्पतिवार को एक बार फिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 'घर घर राशन योजना' वाली फ़ाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास मंजूरी के लिए भेजी है. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने 10 तर्क दिए है.
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- हमारी योजना क़ानून के मुताबिक़.
- ये योजना केंद्र सरकार के आदेशों का पालन करने के लिए लागू की गयी.
- कोरोना काल में इस योजना को रोकना ग़लत
- पिछले तीन साल में चार बार LG साहब को घर घर राशन योजना की कैबिनेट निर्णय की जानकारी दी गयी लेकिन LG साहिब ने कभी इसका विरोध नहीं किया
- फ़रवरी महीने में इस योजना को लागू करने के नोटिफ़िकेशन का भी LG साहिब ने विरोध नहीं किया.
- LG साहेब को ये जानकारी थी कि स्कीम को मंज़ूरी मिल गयी है और लागू करने के कगार पर थी
- केंद्र सरकार ने जितनी आपत्ति लगायी, सारी ठीक कर दी गयी
- पाँच hearing के बावजूद हाई कोर्ट ने इस केस में कोई stay नहीं लगाया
- कोर्ट केस के दौरान केंद्र ने कभी कोई approval के बारे में नहीं बताया
- फिर इस योजना को क्यों रोका जा रहा है?
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बता दें कि कुछ आपत्तियों के चलते केंद्र सरकार की ओर से 25 मार्च को यह योजना रोक दी गई थी. इसके बाद इसका नाम घर-घर राशन कर दिया गया था. केंद्र सरकार के सुझावों के बाद 24 मई 2021 को दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को योजना लागू करने के लिए फाइल भेजी, लेकिन एलजी ने इस फाइल को वापस कर दिया और कहा कि इस योजना को दिल्ली में लागू नहीं किया जा सकता.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली में फिर हो सकता है सियासी टकराव
- केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच सियासी संग्राम छिड़ना तय
- सीएम केजरीवाल ने एलजी को 'घर-घर राशन' योजना की फाइल भेजी