दिल्ली में 12 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की हैवानियत भरी वारदात सामने आई है. बुरी तरह से जख्मी बच्ची को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अस्पताल जाकर जख्मी बच्ची का हाल जाना और उसके परिजनों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, हैवानियत भरी इस वारदात की जानकारी ने आत्मा को अंदर तक झकझोर दिया है. ऐसे दरिंदे अपराधियों का खुला घूमना बर्दाश्त के बाहर है. मुख्यमंत्री केजरीवाल और दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से अस्पताल में मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने परिवार के लिए सहायता राशि की भी घोषणा की.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी पीरागढ़ी में नन्ही निर्भया के परिवार से मिलने पहुंचे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा, नन्ही निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए उपराज्यपाल निवास यानी राजभवन के यहां घेराव किया जाएगा. मैंने पीड़िता और उनके माता पिता से मुलाकात की और उनको हर सम्भव मदद का भरोसा जताया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा, कांग्रेस तब तक ये लड़ाई लड़ती रहेगी जब तक इन्साफ नहीं मिलेगा.
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आप सरकार पर कांग्रेस ने बोला हमला
घटना के 3 दिन हो चुके हैं, अभी तक सरकार क्यों सोयी हुई थी. पहले ही सरकारी अस्पताल में रेफर की जा चुकी थी फिर भी केजरीवाल जी चुप रहे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कहा गया, कभी निर्भया पर राजनीति चमकाने वाले आज ऐसे जघन्य अपराधों पर ऐसे चुप हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. क्यों केजरीवाल जी,संवेदना के एक शब्द की भी उम्मीद नहीं करें. खैर,कांग्रेस ने निर्भया को भी न्याय दिलाया था, इस बच्ची को भी दिलाएंगे. तब भी राजनीति नहीं की थी, अब भी नहीं करेंगे.
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इस घटना ने दिलाई 'गुड़िया' की याद
देश की राजधानी दिल्ली में पांच साल की बच्ची 'गुड़िया' के साथ हुई निर्मम सामूहिक दुष्कर्म की घटना के सात साल बाद, एक 12 साल की लड़की के साथ इसी तरह की घटना घटी है. इस जघन्य अपराध ने 15 अप्रैल, 2013 की दुखद यादों को फिर से ताजा कर दिया है, जब दो लोगों ने पांच साल की लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसके प्राइवेट पार्ट को क्षत विक्षत कर दिया था और मृत समझ कर उसे कमरे में ही छोड़ कर फरार हो गए थे. बच्ची को घटना के 40 घंटे बाद बचाया गया था. इस साल जनवरी में दिल्ली की एक अदालत ने दोनों आरोपियों को 20 साल की जेल की सजा सुनाई, साथ ही पीड़िता को मुआवजे के रूप में 11 लाख रुपये देने का आदेश दिया, जिसे घटना के बाद 'गुड़िया' नाम दिया गया था.
Source : News Nation Bureau