देश की राजधानी दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर दिल्ली सरकार ने सवाल खड़े किए हैं. आए दिन दिल्ली में लूट, हत्या, चाकूबाजी समेत अन्य तरह की वारदात को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल (LG) को चिट्ठी लिखी है. केजरीवाल ने पत्र में जिक्र किया है कि दिल्ली की कानून व्यवस्था की हालत बहुत ही चिंतजानक है. दिल्ली का हर नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहा है. अरविंद केजरीवाल ने कमोजर कानून व्यवस्था को लेकर उप राज्यपाल और गृहमंत्री को आड़े हाथ लिया है. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था के लिए सीधे LG और गृह मंत्री जिम्मेदार है. नागरिकों, विधायकों और RWA के साथ मिलकर कानून व्यवस्था सुधारने की जरूरत है. अरविंद केजरीवाल ने थाना लेवल कमेटी फिर से शुरू की करने की वकालत की है.
बता दें कि दिल्ली में बीते कुछ सालों में आपराधिक घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. आए दिन देश की राजधानी में मर्डर, किडनैपिंग, छीनाझपटी समेत कई वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश होने के चलते लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है.
LG ने भी सीएम को लिखा था पत्र
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आप नेताओं की ओर से लगातार की जा रही टिप्पणियों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर जवाब मांगा था. साथ ही सबूत नहीं दिखाने पर लीगल एक्शन लेने की बात कही थी. बता दें कि दिल्ली सरकार और एलजी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. हाल ही में दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकार दिया था, लेकिन केंद्र ने अध्यादेश लाकर इसे रोक दिया है. इसपर आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने सामने है.
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My letter to Hon’ble LG on deteriorating law and order situation in Delhi. pic.twitter.com/2gvbZvN7zZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 20, 2023
अध्यादेश के खिलाफ आप को मिला इन दलों से समर्थन
आम आदमी पार्टी अध्यादेश के खिलाफ देशभर में विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. अभी तक केजरीवाल को करीब 10 विपक्षी दलों से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देने का आश्वासन मिल चुका है. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, केसीआर, सीताराम येचुरी समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. इन नेताओं ने राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग करने का भरोसा दिया है.