लॉकडाउन के कारण गरीबों के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है. न रोजगार है और न ही राशन. ऐसे में उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल होता रहा है. कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने 10 मांगें रखी हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है. दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य हैं जहां 55 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पिज्जा डिलीवरी बॉय भी कोरोना संक्रमित पाया गया है.
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अजय माकन ने कहा कि पिज्जा डिलीवरी बॉय के संक्रमित होने के बाद 89 लोगों को क्वारंटीन किया गया है. अगर इनमें से अभी तक किसी का टेस्ट नहीं किया गया है तो यह भी सरकार का सही रवैया नहीं है. उन्होंने मांग की कि गरीबों को लॉकडाउन के दौरान राहत देन के लिए तत्काल उनके खाते में 7500 हजार रुपये डालने चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान और पंजाब सरकार ने बिजली पर फिक्स चार्ज माफ कर दिया है. उसी तरह दिल्ली में भी फिक्स चार्ज माफ करना चाहिए. इससे गरीबों को काफी राहत मिलेगी.
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अजय माकन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने लगभग 86 फीसद जनता को राशन पहुंचा है. इसमें दो महीने के लिए 70 किलो चावल, दो किलो चीनी और 3 किलो दाल एकमुश्त दे दी है. इसी तरह दिल्ली में भी इसी तरह गरीबों को राशन दिया जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 34 फीसद बच्चे ही सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. इसलिए निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस माफ करने के साथ ही निजी स्कूलों के शिक्षकों को कम के कम 75 फीसद वेतन दिया जाना चाहिए. अगर स्कूल देने में असमर्थ हों तो सरकार को शिक्षकों को वेतन देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार ने सीनियर सिटीजन, विधवा और विकलांगों को दो महीने की एडवांस पेंशन दे दी है. दिल्ली सरकार को भी इस ओर कदम उठाने चाहिए.
Source : News State