दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अगले हफ्ते से अपनी महत्वाकांक्षी 'घर-घर राशन योजना' को लागू करने की तैयारी कर रही थी. लेकिन शाम को न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र ने राशन की डोरस्टेप डिलिवरी वाली दिल्ली सरकार की इस योजना पर रोक लगा दी है. अब इस पर उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय ने अपनी सफाई दी है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपनी स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि हमने राशन लोगों तक पहुंचाने के योजना पर रोक नहीं लगाई है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने दिल्ली सरकार को राशन का वितरण करने से नहीं रोका है. भारत सरकार दिल्ली को अतिरिक्त राशन देने को तैयार है. भारत सरकार ने उन्हें केवल वर्तमान नियम के बारे में सूचित किया है. बता दें कि केंद्र का कहना था कि नैशनल फूड सिक्यॉरिटी ऐक्ट के तहत सब्सिडी पर मिलने वाले खाद्यान्न का इस योजना के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। योजना में कोई भी बदलाव संसद कर सकती है. इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना को बिना किसी नाम से शुरू करने का ऐलान किया था.
दिल्ली सरकार के मुताबिक, दिल्ली सरकार एक-दो दिनों के अंदर पूरी दिल्ली में राशन वितरण योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार थी, जिससे दिल्ली में 72 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ मिलता है. दिल्ली के खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन के मुताबिक, मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा योजना के नाम के संबंध में केंद्र की आपत्तियों को दिल्ली कैबिनेट ने पहले ही स्वीकार कर लिया है.
सीएम ऑफिस ने कहा है, 'दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में 1-2 दिनों के भीतर 'राशन की डोरस्पेट डिलिवरी' स्कीम लॉन्च करने जा रही थी. लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इस स्कीम को लागू करने वाली फाइल को नामंजूर कर दिया. इसके लिए दो वजह बताई- केंद्र ने अभी तक इस स्कीम को मंजूरी नहीं दी है और कोर्ट में इससे जुड़ा एक केस चल रहा है.'
दिल्ली सरकार ने पहले इस योजना को 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' के नाम से शुरू करने का ऐलान किया था. मार्च में ही इसे लॉन्च किया जाना था लेकिन इस पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी.
Source : News Nation Bureau