दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच एक दावे को लेकर विवाद छिड़ गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को दावा किया था कि पहली बार देश में वर्चुअल स्कूल की शुरुआत हो रही है. वहीं केंद्र का कहना है कि इसका आरंभ पिछले वर्ष यानि अगस्त 2021 में हो गया था. इसे लेकर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) ने भी पुष्टि की है. सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से दिल्ली वर्चुअल माॅडल स्कूल की शुरुआत किए जाने के बाद से एनआईओएस का यह स्पष्टीकरण आया है. केजरीवाल ने दावा किया है कि ये भारत का ऐसा पहला मंच है. उन्होंने कहा कि इस स्कूल में देशभर के छात्र दाखिले के लिए पात्र होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा इसका संबंध दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (DBSE) से जुड़ा हुआ है. यह उसका पाठक्रम तय करेगा.
यहां की अंक तालिका और प्रमाणपत्र भी डीबीएसई प्रदान करेगा. इसके आधार पर छात्र ग्रेजुएशन में दाखिले लेने के लिए वैध होंगे. केजरीवाल ने कहा कि इस दौरान छात्रों को कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. पहले बैच की संख्या अभी तय नहीं की गई है. बैच की संख्या छात्रों के पंजीकरण के आधार पर होगी. कक्षाएं स्कूलनेट और गूगल द्वारा तैयार एक विशेष प्लेटफार्म पर संचालित होंगी. कक्षाओं के लिए आनलाइन प्रणाली होगी. छात्र पाठ्यक्रम के दौरान विषय या अवधारणा आधारित मूल्यांकन को सेलेक्ट कर सकते हैं.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बताया कि कोरोना काल के समय वर्चुअल क्लास होती थी उसी से प्रेरणा लेकर वर्चुअल स्कूल शुरू किया गया है. वैसे तो बच्चों को फिजिकली स्कूल में जाना ही चाहिए, लेकिन जो स्कूल नहीं जा सकते हैं उन तक शिक्षा पहुंचने चाहिए, इसलिए यह बचपन स्कूल बनाया गया है. इसमें सभी क्लास ऑनलाइन होंगी, चाहे तो लाइव अटेंड कर ले या फिर रिकॉर्डिंग देख सकते. दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल इस स्कूल का नाम है.
HIGHLIGHTS
- इसका आरंभ पिछले वर्ष यानि अगस्त 2021 में हो गया था
- राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने भी पुष्टि की
- केजरीवाल ने दावा किया है कि ये भारत का ऐसा पहला मंच है