उच्चतम न्यायालय ने कथित रूप से ‘जानबूझ कर’ कोविड-19 वायरस पैदा करने के मामले में चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में 600 बिलियन अमेरिकी डालर के मुआवजे का मुकदमा करने का केन्द्र को निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई से इंकार कर दिया.
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प्रधान न्यायाधीश ए एस बोबडे, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि इस जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जायेगा जिसमें दावा किया गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कोविड- 19 चीन के वुहान विषाणु संस्थान से निकला और उसने भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया तथा उसके हजारों नागिरकों की जान ले ली.
याचिकाकर्ता मदुरै निवासी के के रमेश की ओर से पेश अधिवक्ता सी आर जया सुकिन से वीडियो कांफ्र्रेन्सिग के माध्यम से पीठ से कहा की उनकी याचिका को सरकार का एक प्रतिवेदन के रूप में लेना चाहिए.
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याचिका में आरोप लगाया गया है कि चीन ने भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में जानबूझ कर कोविड-19 वायरस पैदा किया है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस भारत और दुनिया के अनेक देशों में फैला लेकिन चीन के वुहान शहर से इसकी उत्पत्ति होने के बावजूद यह आसपास के शहरों में नहीं फैला.
Source : Bhasha