आज दिल्ली से शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हुई है. इसके लिए केजरीवाल सरकार ने आज दिल्ली में देश का पहला वर्चुअल स्कूल शुरू किया है. इसकी घोषणा करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसका नाम दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल रखा गया है और इसमें 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई होगी. अभी इसमें शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए 9वीं क्लास में एडमिशन के लिए आज से आवेदन कर सकते हैं. इसमें सभी कक्षाएं ऑनलाइन होंगी. जो बच्चे ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं कर पाएंगे, उनके लिए क्लास को रिकॉर्ड में डाल दिया जाएगा, ताकि वो फ्री होने पर अपनी क्लास देख सकें.
देश के किसी भी कोने में रहने वाला 13 से 18 साल का कोई भी छात्र, जिसने मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं की पढ़ाई पूरी की है, वो वेबसाइट www.dmvs.ac.in पर जाकर आवेदन कर सकता है. हर बच्चे को एक आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा, जिससे लॉगिन कर वो ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर सकता है. साथ ही, रिकॉर्डेड वीडियो, सप्लीमेंट्री लर्निंग मटेरियल, ट्यूटोरियल आदि एक्सेस कर सकता है. हम स्कूल में पढ़ाई के साथ ही 11वीं व 12वीं में जेई व नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में भी बच्चों की मदद करेंगे. इसके लिए अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ रखे जाएंगे. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गांव में स्कूल न होने या बचपन में ही काम पर लग जाने के कारण बहुत सारे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. ऐसे आखिरी से आखरी बच्चे तक शिक्षा पहुंचने के लिए हमने यह वर्चुअल स्कूल शुरू किया है. मैं समझता हूं कि शिक्षा के क्षेत्र में यह बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित होगा और आने वाले समय में देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलेगी.
हमने स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने में कई क्रांतिकारी कदम उठाए- केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली में देश का पहला वर्चुअल स्कूल की शुरुआत करने का ऐलान किया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सारे क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. एक तरफ स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक किया गया, पढ़ाई अच्छी की गई, शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलवाने के लिए विदेश भेजा गया. कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए. जैसे, हैप्पीनेस क्लासेस, देशभक्ति करिकुलम, बच्चों को बिजनेस सिखाने के लिए एंटरप्रेन्योरशिप क्लासेज शुरू किए गए. इसके अलावा, कई विशेष किस्म के स्कूल शुरू किए गए. अभी हम एक स्कूल शुरू करने जा रहे हैं जिसमे जो बच्चे ट्रैफिक लाइट के ऊपर भीख मांगते हैं, वो पढ़ेंगे. ये बच्चे एक तरह से समाज के सबसे कमजोर वर्ग के होते हैं. उन बच्चों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है और वे किसी का वोट बैंक भी नहीं होते हैं. उन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक आवासीय स्कूल बनवा रहे हैं. इसी तरह, हमलोगों ने एक आर्म्ड फोर्सेज प्रिपेरटरी स्कूल बना रहे हैं, जहां बच्चों को फौज में भर्ती करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. उसी तरह से स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है. इसका मकसद है कि देश ज्यादा से ज्यादा ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल लेकर आए. हमने एक स्किल यूनिवर्सिटी भी तैयार की है, जिसमें बच्चों को रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है. इस तरह से कई कदम उठाए गए हैं.
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बहुत कम समय में हर बच्चे तक अच्छी से अच्छी शिक्षा पहुंचानी है- केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि हम सबको मिलकर भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाना है. भारत दुनिया का नंबर वन देश तब तक नहीं बन सकता, जब तक इस देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा नहीं लगेगी और यह काम हमें बहुत कम समय में करना है. अपने 75 साल खराब हो गए हैं. बहुत कम समय में अपने को हर बच्चे तक अच्छी से अच्छी शिक्षा पहुंचानी है. यह कैसे होगा? उस दिशा में आज मैं जो ऐलान करने जा रहा हूं, यह एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुत ही क्रांतिकारी कदम है. यह शिक्षा के क्षेत्र में एक नई तरह की क्रांति पैदा करने वाला है. आज हम देश का पहला वर्चुअल स्कूल चालू करने जा रहे हैं. एक साल पहले हमने ऐलान किया था कि हम देश का वर्चुअल स्कूल बनाएंगे. देश भर में बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जा पाते हैं. गांव में स्कूल नहीं है या स्कूल बहुत दूर है या दूसरे गांव में स्कूल है, वहां जा नहीं सकते, क्योंकि बीच में नदी पड़ती है. ऐसी बहुत सारी बेटियां हैं. कई सारे माता-पिता लड़कियों को पढ़ाते नहीं है, क्योंकि वो लड़कियों को बाहर पढ़ने के लिए नहीं भेजना चाहते हैं. ऐसी बच्चियां जो घर में हैं, वो घर बैठकर पढ़ाई कर सकती हैं. ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं, जो बचपन में ही काम पर लग जाते हैं. ऐसा होना नहीं चाहिए, लेकिन वो काम पर लग जाते हैं. आखिरी से आखरी बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए हमने यह वर्चुअल स्कूल शुरू किया है. कोरोना के वक्त जब स्कूल बंद थे, तब स्कूलों में वर्चुअल क्लासेस लगा करती थी. उन वर्चुअल क्लासेज से प्रेरणा लेकर के हम लोग ने यह नए तरह का वर्चुअल स्कूल चालू किया है. हमारा अपना यह मानना है कि स्कूल तो होना ही चाहिए और बच्चों को क्लास में फिजिकली आना ही चाहिए. लेकिन किसी भी कारण से जिन बच्चों तक फिजिकल स्कूल मुहैया नहीं हो पा रहा है, उन तक कम से कम शिक्षा तो पहुंचे. यह वर्चुअल स्कूल उन बच्चों तक शिक्षा पहुंचाएगा.
यह दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से एफिलिएटेड होगा- केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसमें सभी क्लासेज ऑनलाइन होंगी. जो बच्चे ऑनलाइन क्लास अटेंड कर सकते हैं, वो ऑनलाइन क्लासेज अटेंड कर लें. जो बच्चे ऑनलाइन क्लासेज अटेंड नहीं भी कर सकते हैं, तो उनके लिए ऑनलाइन क्लासेज रिकॉर्ड में डाल दी जाएंगी. वो बच्चा जब भी फ्री होगा, तो वो अपनी क्लास को देख सकता है. इस स्कूल का नाम दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल है. डीएमवीएस की आज से शुरुआत की जा रही है. यह स्कूल 9वीं से 12वीं तक का होगा. चूंकि अभी इस स्कूल की शुरुआत है. इसलिए शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए 9वीं क्लास में एडमिशन के लिए आज से आवेदन मांगे जा रहे हैं. इसमें यह जरूरी नहीं है कि छात्र दिल्ली का ही रहने वाला हो. देश के किसी भी कोने से, गांव और शहर के किसी भी कोने से कोई भी बच्चा इस स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकता है. कोई भी छात्र स्कूल की वेबसाइट www.dmvs.ac.in पर जाकर एडमिशन के लिए आवेदन कर सकता हैं. 13 साल से 18 साल का कोई भी बच्चा, जिसने आठवीं क्लास की पढ़ाई किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल से की है, वो बच्चा इस स्कूल में 9वीं क्लास में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकता है. यह स्कूल, दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से एफिलिएटिड होगा. दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन अभी हम लोगों ने कुछ दिन पहले बनाया था. जैसा मैंने बताया कि बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं, जो फिजिकली स्कूलों में नहीं जा पाते हैं. उन सब बच्चों के लिए यह स्कूल लाभदायक होगा.
वर्चुअल स्कूल में बच्चों को स्किल आधारित तैयारी भी कराई जाएगी-केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम इस स्कूल में बच्चों को न केवल पढ़ाएंगे, बल्कि 11वीं और 12वीं में जेई, नीट समेत ऐसे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में भी बच्चों की मदद करेंगे. हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए विशेषज्ञों को लेकर आएंगे, ताकि बच्चों को उसके लिए तैयार किया जा सके. अलग-अलग विषयों की अलग-अलग तैयारी करवाई जाएगी. स्किल आधारित तैयारियां भी कराई जाएगी. ताकि जो बच्चे इसके साथ-साथ कुछ प्रोफेशन भी करना चाहें, तो वो पार्ट टाइम प्रोफेशन भी कर सकते हैं. इसमें एक स्कूलिंग प्लेटफार्म होगा और हर बच्चे को एक आईडी और पासवर्ड दिया जाएग. वह बच्चा उस आईडी और पासवर्ड से स्कूलिंग प्लेटफार्म पर लॉगिन करेगा. लॉगिन करने के बाद वह लाइव क्लासेज अटेंड कर सकता है, वह रिकार्डेड वीडियो को एक्सेस कर सकता है. सप्लीमेंट्री लर्निंग मटेरियल ले सकता है. ट्यूटोरियल्स कर सकता है. बच्चों का ऑनलाइन एसेसमेंट किया जाएगा. इसमें एक बहुत बड़ी डिजिटल लाइब्रेरी होगी. बच्चा उस डिजिटल लाइब्रेरी का सारा कंटेंट एक्सेस कर सकता है. कोई भी छात्र 24 घंटे में किसी भी समय लाइब्रेरी को एक्सेस कर सकता है. स्कूलिंग प्लेटफार्म को विश्व प्रसिद्ध संस्था गूगल और स्कूल नेट इंडिया ने बनाया है. इन वर्चुअल क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को विशेष तौर पर तैयार किया गया है. मैं समझता हूं कि शिक्षा के क्षेत्र में यह एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित होगा. आजादी के बाद शायद पहली बार इतने बड़े स्तर पर यह पहल की गई है. आप कल्पना करके देखिए कि एक टीचर पढ़ा रहा है. उसको कई हजार स्टूडेंट एक साथ देख रहे हैं. एक साथ देश के कोने कोने से कई सारे छात्र एक बहुत अच्छे टीचर को एक्सेस कर सकते हैं. यह बहुत बड़ा कदम होगा. मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में हमारे देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलेगी.