Advertisment

CPCB ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, यमुना प्रदूषण के केस में दिल्ली आदतन अपराधी है

हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने प्रस्तुत किया कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दायर याचिका स्वीकार्य योग्य नहीं है, क्योंकि कई तथ्य विवाद में हैं.

author-image
Shailendra Kumar
एडिट
New Update
CPCB told Supreme Court Delhi is habitually criminal in Yamuna pollution case

CPCB ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, यमुना प्रदूषण के केस में दिल्ली अपराधी( Photo Credit : IANS)

Advertisment

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार यमुना नदी में प्रदूषण पैदा करने के मामले में एक आदतन अपराधी है. प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और विनीत सरन की अध्यक्षता वाली पीठ प्रदूषित नदियों को साफ करने के मुद्दे से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. सीपीसीबी का प्रतिनिधित्व करने वाली अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि विभाग यमुना में प्रदूषण से जुड़े विभिन्न कारकों पर डेटा एकत्र करने के मध्य में है और इसे बहुत जल्द ही दायर किया जाएगा. भाटी ने शीर्ष अदालत से कहा, यमुना में प्रदूषण करने के मामले में दिल्ली एक आदतन अपराधी है.

यह भी पढ़ें : Farmers Protest: कमेटी पर बोले CJI- सदस्य जज नहीं, सिर्फ राय दे सकते हैं

मामले में न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मामले पीठ को बताया कि 18 जनवरी को पानी की गुणवत्ता उत्कृष्ट है, क्योंकि अमोनिया की मात्रा 0.3 पीपीएम है, और जोर दिया कि इसे लगातार बनाए रखा जाना चाहिए. हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए, अरोड़ा ने कहा, "उन्होंने अमोनिया को अच्छे स्तर पर लाया है जो स्वीकार्य बिंदु 0.9 पीपीएम है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह दिल्ली के लिए पीने के पानी का मामला है.

यह भी पढ़ें : शुभेंदु अधिकारी बोले- 'पूर्व सीएम' शब्द से एक लेटर पैड तैयार कर लें ममता बनर्जी, क्योंकि...

हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने प्रस्तुत किया कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दायर याचिका स्वीकार्य योग्य नहीं है, क्योंकि कई तथ्य विवाद में हैं. मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, एक आदेश पारित करने में क्या समस्या है कि वर्तमान स्तरों को बनाए रखा जाना चाहिए?. दीवान ने कहा कि मामले को इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि जल प्रदूषण से जुड़ी समस्याएं दिल्ली से हैं. उन्होंने कहा कि यह गलत है कि दिल्ली सरकार हरियाणा पर दोषारोपण कर रही है. पीठ ने हरियाणा को दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर जवाब दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया.

यह भी पढ़ें : देश में अब तक साढ़े 4 लाख लोगों को दी गई वैक्सीन, 18 प्रतिशत लोगों में साइड इफेक्ट

पीठ ने नदी की निगरानी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा नियुक्त समिति को भी अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और मामले में एक पक्ष बनाया. 13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण-मुक्त पानी संवैधानिक ढांचे के तहत मूल अधिकार है और सीवेज अपशिष्टों द्वारा नदियों के दूषित होने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था. इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर कहा कि प्रदूषक तत्वों के निर्वहन के कारण यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा है.

Source : IANS

Supreme Court delhi सुप्रीम कोर्ट CPCB दिल्ली Yamuna pollution case
Advertisment
Advertisment
Advertisment