दिल्ली की साइबर सेल ने दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के घर छापा मारा है. दिल्ली पुलिस के साइबर सेल की इस छापेमारी को लेकर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान सेल के प्रमुख दिल्ली पुलिस से कहा कि पुलिस उन्हें जबरदस्ती थाने पर ले जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि मैं हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हूं और पूरा शहर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से घिरा है यह बहुत जोखिम भरा काम होगा. ऐसे में अगर मुझे कुछ हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. इसके बाद वहां के स्थानीय लोगों ने साइबर सेल का विरोध किया और दिल्ली की साइबर सेल की टीम बिना उन्हें लिये ही वापस लौट गई. आपको बता दें कि जफर उल इस्लाम पिछले कुछ दिनों से लगातार अपनी बयान बाजियों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं.
इसके पहले दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्ट के मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है. यह जानकारी शनिवार को एक अधिकारी ने दी थी. दिल्ली पुलिस ने वसंत कुंज निवासी एक व्यक्ति की ओर से शिकायत मिलने के बाद खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) और 153ए (धर्म, नस्ल और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता भड़काने) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि दर्ज कराई गई प्रथमिकी में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि खान का पोस्ट भड़काऊ, इरादतन और राजद्रोह से युक्त था तथा यह समाज के सौहार्द को बिगाड़ने और विभाजन पैदा करने पर केंद्रित था.
मंगलवार को ट्वीट करने के बाद डीलीट किया
उन्होंने बताया कि साइबर शाखा मामले की जांच कर रही है. खान ने मंगलवार को पोस्ट किया था, लेकिन कुछ देर बाद ही उसे हटा लिया था और माफी मांग ली थी. भाजपा ने खान को आयोग से हटाने की मांग की. खान ने एक बयान में कहा, मुझे एहसास हुआ कि जब हमारा देश चिकित्सा आपातकाल का सामना कर रहा है और अदृश्य शत्रु से लड़ाई लड़ रहा है, तो मेरा ट्वीट गलत वक्त पर था और असंवेदनशील था. मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं जिनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल के उनके ट्वीट ने कुछ लोगों को दुख पहुंचाया है जिसमें उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में भारत के मुसलमानों के उत्पीड़न की आवाज उठाने पर कुवैत का आभार व्यक्त किया था. खान ने कहा कि उनका इरादा लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बिलकुल नहीं था.
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हिंदुओं को लेकर दिया था भड़काऊ बयान, दर्ज हुई थी एफआईआर
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अर्जी दायर करके दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ हिंदुओं के विरुद्ध उनके कथित भड़काऊ और धमकाने वाले बयानों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है. दिल्ली निवासी मनोरंजन कुमार की ओर से दायर अर्जी में दावा किया गया है कि आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने 28 अप्रैल को फेसबुक अकाउंट पर किये गए अपने पोस्ट में हिंदू समुदाय को हिंदुत्व कट्टरपंथियों के तौर पर उल्लेखित किया था.
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सामुदायिक तनाव उत्पन्न करने का आरोप
अधिवक्ता सिद्धार्थ आचार्य के जरिये दायर अर्जी में यह भी आरोप लगाया गया है कि खान ने अपने बयानों में हिंदू समुदाय को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी. याचिकाकर्ता ने खान को आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग भी की है. याचिकाकर्ता ने दलील दी, उन्होंने (खान) आयोग के अध्यक्ष के तौर पर अपने पद का जानबूझ कर दुरुपयोग किया और उनका पद पर बने रहना अल्पसंख्यकों और लोकहित के खिलाफ है. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि खान ने सामुदायिक तनाव उत्पन्न करने के इरादे से बयान दिये थे.
Source : Rummanullah