दलित नेता और गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने मंगलवार को संसद मार्ग से प्रधानमंत्री आवास तक 'युवा हुंकार रैली' का आयोजन किया। इस रैली की घोषणा उन्होंने भीमा-कोरेगांव की घटना के बाद की थी। हालांकि इस दौरान पुलिस ने उन्हें रैली करने की इजाजत नहीं दी।
गुजरात के वडगाम से विधायक मेवाणी मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंचे थे, जहां पर उन्हें युवा हुंकार रैली करने से मना कर दिया गया था। जब उन्हे रैली करने नहीं दी गई तो वह वहीं धरने पर बैठ गए। हालांकि बाद में उन्होंने रैली को संबोधित किया।
इस रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी जैसे असली मुद्दे भुलाकर घर वापसी, लव जेहाद और गाय को मुद्दा बनाया जा रहा है। हम इसके खिलाफ खड़े हैं।'
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री गुजरात जाते हैं तब भी उन्हें हिरासत में लिया जाता है और आज दिल्ली में भी उनके साथ यही किया गया।
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मेवाणी ने कहा, '22 सालों से गुजरात में तोड़ने की राजनीति पनपी है, हम तो सिलाई वाले हैं इसे जोड़ने आए हैं। हम लव जेहाद वाले नहीं हैं।' इस दौरान मेवाणी ने कहा कि वह भी देश के संविधान में विश्वास रखते हैं और हमेशा उसी की बात करेंगे।
चंद्रशेखर रावण का उठा मुद्दा
रैली से पहले मेवाणी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि एक चुने हुए विधायक को चंद्रशेखर उर्फ रावण की आजादी और युवाओं के रोजगार की बात उठाने की इजाजत नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें जवाब देना होगा कि चंद्रशेखर रावण रासुका में बंद क्यों है?
इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार को ऊना और सहारनपुर के बारे में जवाब देना होगा। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश में किसानों पर चलाई गई गोलियां, रोहित वेमुला की हत्या जैसे मुद्दों को भी उठाया।
मेवाणी की रैली के दौरान किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए दिल्ली प्रशासन की ओर से संसद भवन से पीएम आवास तक जगह-जगह बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था।
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Source : News Nation Bureau