दिल्ली पुलिस ने दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार नौ आरोपियों की जमानत याचिका का बृहस्पतिवार को अदालत में विरोध किया. गिरफ्तार लोगों की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन उन 15 लोगों को ही गिरफ्तार करने का फैसला किया जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार ने नौ आरोपियों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि इस मामले पर 28 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा. उसी दिन अदालत इस मामले में गिरफ्तार अन्य छह लोगों की दलीलें भी सुनेगी. अभियोजक ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस के पास इस मामले में 19 गवाह हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ये आरोपी घटनास्थल पर मौजूद थे, जहां से इन्हें हिरासत में लिया गया.
अदालत ने पुलिस को इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक के पते और अन्य विवरणों का सत्यापन करने के लिए कहा. इससे पहले 23 दिसंबर को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 15 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने राहत के लिए सत्र अदालत का रुख किया. दरियागंज में 20 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पुलिस पर पथराव किया था, जब पुलिस उन्हें बलपूर्वक पीछे हटाने की कोशिश कर रही थी.
इस दौरान एक कार को आग के हवाले कर दिया गया तथा कई अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया था. सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. गिरफ्तार आरोपियों में से एक का दावा है कि वह नाबालिग है. पुलिस का दावा है कि आरोपी ने बताया है कि उसकी उम्र 23 साल है. इस बीच, उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमुपर इलाके में ऐसे ही प्रदर्शनों के संबंध में गिरफ्तार कई आरोपियों की जमानत याचिका पर शुक्रवार को एक अन्य निचली अदालत में सुनवाई होनी है.
Source : Bhasha