दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में भारी नुकसान हुआ है. पुलिस समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी बसों में आग लगा दी. बसें धू-धूकर जल गई. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए डीएमआरसी ने कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया था. मेट्रो इन स्टेशनों पर नहीं रूक रही है. वहीं इस मामले में जब डीसीपी साउथ ईस्ट चिन्मॉय बिस्वाल से जब पूछा गया कि क्या पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की है तो उन्होंने कहा कि असल में कोई फायरिंग नहीं हुई है. यह एक गलत अफवाह है, जिसे फैलाया जा रहा है.
डीसीपी ने कहा कि भीड़ को पीछे धकेलना ही मेरा मकसद है. इसलिए क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर को बहाल किया जा सकता है. हमें जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों से कोई समस्या नहीं है. डीसीपी ने कहा कि भीड़ ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है. उनलोगों ने मोटरसाइकिलों को आग लगा दी. उसने हम पर पथराव किया है. डीसीपी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने हवाई फायरिंग की है. गोलीबारी बिल्कुल भी नहीं हुई है. यह एक झूठी अफवाह है जो फैलाई जा रही है. डीसीपी ने कहा कि कुछ लोगों को भी हिरासत में लिया गया है.
जामिया प्रोटेस्ट में 50 से ज़्यादा ज़ख्मी लोगों को अब्बुल फजल के अल शिफ़ा अस्पताल में भर्ती किया गया पुलिस बल जामिया में बढ़ाया गया,एम्बुलेंस,फायर की गाड़ी ,पुलीस की गाड़ी लगातार जामिया के अंदर जा रही है.
वहीं विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर ने कहा कि पुलिस जबरन कैंपस में घुसकर छात्रों को पीट रही हैं. इस पर डीसीपी ने पलटवार करते हुए कहा कि परिसर एकीकृत नहीं है, यह सड़क के दोनों किनारों पर स्थित है. जब हम भीड़ को पीछे धकेल रहे थे, वे विश्वविद्यालय में जा रहे थे और फिर अंदर से पत्थर फेंक रहे थे. इसलिए हम उन जगहों की जांच कर रहे थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो