दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने चार जमीनों के भूमि इस्तेमाल को बदलने का प्रस्ताव दिया है. खास बात यह है कि इसमें दो जमीन वह भी शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत नए प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्माण के लिए किए जाने की संभावना है. डीडीए ने पिछले सप्ताह एक सार्वजनिक सूचना जारी की है. इसमें दो जमीनों के इस्तेमाल को बदलने की पेशकश की गई है. डीडीए की ओर से जिन दो जमीनों का प्रस्ताव दिया गया है उसमें हर जमीन का क्षेत्रफल साढ़े नौ एकड़ है. ये जमीनें मोतीलाल नेहरू मार्ग और के कामराज मार्ग के बीच (जमीन संख्या 38) और डलहौजी मार्ग औरटू-टू मार्ग के बीच (जमीन संख्या 36) स्थित है.
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इसी जमीन पर बन सकता है प्रधानमंत्री कार्यालय
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री का नया कार्यालय बनना है. संभावना है कि पीएमओ इन्हीं दोनों जमीनों पर बन सकता है. डीडीए ने अपने नोटिस में 30 दिन के अंदर लोगों को सुझाव या आपत्ति देने को कहा है. डीडीए ने डलहौजी मार्ग और त्यागराज मार्ग के बीच स्थित 12.8 एकड़ की जमीन और 6.54 एकड़ की एक अन्य जमीन के इस्तेमाल को बदलने की भी पेशकश की है. केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री का जो आवासीय परिसर बनाया जा रहा है उसमें 12 मीटर की ऊंचाई वाली 10 चार मंजिला इमारतें होंगी. प्रधानमंत्री का आवास और कार्यालय फिलहाल अलग-अलग स्थानों पर हैं.
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क्या होंगी सुविधाएं
सीपीडब्ल्यूडी की ओर से जो प्रस्ताव दिया गया है, उसके अनुसार प्रधानमंत्री का नया निवास 15 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा और इसमें 10 इमारतें होंगी. प्रस्ताव के अनुसार ग्राउंड फ्लोर सहित चार मंजिल होंगी. प्लान के अनुसार प्रधान मंत्री के नए आवास में स्वीकार्य जमीन कवरेज 30,351 वर्ग मीटर होगा. इसके अलावा विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के लिए 2.50 एकड़ जमीन पर एक अलग बिल्डिंग बनाई जाएगी. सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में उपराष्ट्रपति के लिए नया एनक्लेव भी शामिल है, जो 15 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा और इसमें पांच मंजिला इमारतें होंगी. वीपी एनक्लेव में 32 भवन होंगे.
Source : News Nation Bureau