राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल और डीजल डीलरों को हाल में केंद्र सरकार और कई राज्यों द्वारा वैट घटाने के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है, जो कि करीब 20 से 30 फीसदी है. दिल्ली पेट्रोल एसोसिएशन (डीपीडीए) ने बुधवार को यह बात कही. डीपीडीए ने दिल्ली सरकार से डीजल और पेट्रोल पर वैट (मूल्य वद्धित कर) में कटौती की मांग की है और इसे लेकर 22-23 अक्टूबर को पेट्रोल पंपों की हड़ताल का ऐलान किया है.
डीपीडीए ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्पाद शुल्क में कटौती से पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल दिल्ली से सस्ता हो गया है, जिससे उन्हें राजस्व की हानि हो रही है. इससे दिल्ली का प्रदूषण स्तर भी बढ़ रहा है, क्योंकि लोग केवल ईंधन भरवाने दूसरे राज्य जा रहे हैं.
पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2.50 रुपये की कटौती की थी, जिसके बाद विभिन्न राज्यों ने इतनी ही कटौती वैट में की. लेकिन दिल्ली ने वैट में कोई कटौती नहीं की. डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा, 'दिल्ली की तुलना में उप्र और हरियाणा में पेट्रोल क्रमश: 2.59 रुपये और 1.95 रुपये प्रति लीटर सस्ता है, इसी प्रकार डीजल 2.02 रुपये और 1.72 रुपये प्रति लीटर सस्ता है.'
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डीपीडीए ने कहा, 'विरोध में दिल्ली के करीब 400 पेट्रोल पंप और उनसे जुड़े सीएनजी पंप 22 अक्टूबर की सुबह छह बजे से 23 अक्टूबर की शाम पांच बजे तक बंद रहेंगे.'
Source : IANS