दिल्ली में पिछले साल अपराध बढ़े लेकिन बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में कमी आयी. दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में आंकड़े जारी किये हैं. हालांकि गाड़ियों की चोरी अब भी चिंता का सबब बनी हुई है क्योंकि 2017 की तुलना में पिछले साल ऐसे मामलों में काफी वृद्धि हुई. वर्ष 2018 में वाहन चोरी के 44,158 मामले दर्ज हुए जबकि 2017 में इस तरह के 39,084 मामले सामने आए थे.
दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के अनुसार दिल्ली में अपराध से जुड़े कुछ अहम कारक बाहर से बड़ी संख्या में लोगों का यहां आना, महानगरीय जीवन जीने का दबाव (जिसमें लोग आवेगी हो जाते हैं), आय में असमानताएं, धनाढ़्यों और निर्धनों की कॉलोनियां आसपास होना हैं.
पुलिस ने कहा कि पिछले साल भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 2,36,476 मामले दर्ज किये गये थे जो 2017 में दर्ज किये गये 2,23,077 मामलों से 6.01 फीसद अधिक है.
प्रति लाख जनसंख्या पर कुल भादसं मामले पिछले साल 1,289 थे जबकि 2017 में यह 1,244 था.
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पुलिस ने कहा कि पिछले साल जघन्य अपराध 11.72 फीसद घटे. डकैती, हत्या के प्रयास, लूट-पाट, बलात्कार और दंगे जैसे अन्य बड़े मामलों में 2017 की तुलना में क्रमश: 36.11, 16.26, 20.15, 0.78 और 54 फीसद की कमी आयी. झपटमारी और सेंधमारी की घटनाएं भी कम हुईं.
Source : News Nation Bureau