देश में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने 14 प्राइवेट अस्पतालों को पूरी तरह से कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया है. ये अस्पताल अगले आदेश तक किसी भी गैर कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं कर सकेंगे. इनमें अपोलो अस्पताल, सर गंगाराम अस्पताल, महाराजा अग्रसेन, होली फैमिली, मैक्स शालीमार बाग, फोर्टिस शालीमार बाग, वैंकेटेश्वर, मैक्स साकेत, श्री बालाजी एक्शन, जयपुर गोल्डन, माता चानन देवी, पुष्पावती सिंगानिया, मनिपाल और सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शामिल हैं.
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दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते प्राइवेट अस्पतालों में हो रही बेड्स की किल्लत की वजह से दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार के मुताबिक, इन 14 अस्पतालों में 3202 बेड्स कोरोना मरीजों के रिज़र्व होंगे, जबकि ICU बेड्स की संख्या 1135 होगी. इसके अलावा ही दिल्ली सरकार ने 19 बड़े प्राइवेट हॉस्पिटलों में 80 फीसदी ICU बेड्स कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने के आदेश दिए हैं. इनमें कुल 765 ICU बेड्स कोरोना मरीजों के लिए होंगे और 82 अन्य प्राइवेट अस्पतालों में 60 प्रतिशत ICU बेड्स कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं, जिनकी कुल संख्या 633 हैं.
ये अस्पताल हुए कोविड घोषित
- इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल, सरिता विहार
- सर गंगा राम हॉस्पिटल
- होली फैमिली हॉस्पिटल, ओखला
- महाराजा अग्रसेन, पंजाबी बाग
- मैक्स हॉस्पिटल, शालीमार बाग
- फॉर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग
- मैक्स हॉस्पिटल, साकेत
- वेंकटेश्वर हॉस्पिटल, द्वारका
- श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, पश्चिम विहार
- जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल, रोहिणी
- माता चानन देवी हॉस्पिटल, जनकपुरी
- पुष्पावती सिंघानिया हॉस्पिटल, साकेत
- मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका
- सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल
दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौत का तेजी से बढ़ने से दिल्ली सरकार चिंतित है. इसे लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने सोमवार को समीक्षा बैठक की और कई अहम निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार, जिस परिवार में कोरोना संक्रमण का मामला आए वहां पर पल्स ऑक्सीमीटर दिया जाना सुनिश्चित किया जाए. परिवार को सूचित किया जाए कि वह समय-समय पर ऑक्सीजन का स्तर नापे चाहे मरीज की उम्र कितनी भी हो. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आते ही अस्पताल को सूचित किया जाए.
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दिल्ली के मुख्य सचिव के निर्देशानुसार, इस समस्या से निपटने के लिए हेड क्वार्टर और दिल्ली सरकार के 11 अस्पतालों में 24×7 सेल बनाया जाए. यह सेल यह सुनिश्चित करेगा कि मरीज के हालात खराब होने पर हर अस्पताल का सिस्टम ठीक से काम करे. यह सेल इस बात की भी पहचान करेगा कि भौगोलिक रूप से किस इलाके से सबसे ज्यादा लेट एडमिशन या मौत के मामले सामने आ रहे हैं जिससे आगे कार्रवाई की जा सके. यह सेल यह भी देखेगा कि अस्पतालों में जितने एडमिशन हो रहे हैं उनमें से कितनी मौत हो रही हैं.
HIGHLIGHTS
- देश में फिर बढ़ रहे कोरोना के मामले
- सीएम केजरीवाल ने लिया बड़ा फैसला
- 14 अस्पतालों में 3202 बेड्स कोरोना मरीजों के रिज़र्व होंगे