दिल्ली में मौसम के बदलते ही शराब कारोबारीयों की भी चांदी हो गयी. दिल्ली में सितम्बर के पहले हप्ते में ही 269 करोड़ और सितम्बर के 25 दिनों में 680 करोड़ की शराब की बिक्री हुई. इसका मतलब दिल्ली के लोगों ने प्रत्येक दिन औसतन 15 लाख शराब की बोतले गटक गए. यह तब है जब शराब विक्रेता आबकारी नीति में बदलाव और श्राद्ध के महीने को देखते हुए आने वाले महीनों के लिए अच्छे संकेत मान रहे हैं. आने वाले त्योहारी मौसम दुर्गापूजा और दिवाली में यह आंकड़ा 700 करोड़ के पार होने की उम्मीद की जा रही है.
अभी नई शराब नीति के तहत सरकारी शराब के ठेके 350 है और 500 दूकाने खोले जायेंगे. पुरानी शराब नीति के अनुसार निजी संस्थान भी ठेके खोल सकते थे लेकिन नई शराब नीति में सिर्फ सरकारी ठेके ही खुल सकते है. यह जिम्मा अब चार सरकारी संस्थान को दे दिया गया है. ये संस्थान है दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी है जो थोक स्टोर खोली गई है वह 350 से अधिक शराब की दूकाने है.
दिल्ली शराब नीति पर बीजेपी आम आदमी पार्टी पर घोटाले का आरोप लगाती रही है और इस मूद्दे पर आम आदमी पार्टी अपने आप को पाक साफ बता रही है और बीजेपी पर साजिस करने का आरोप लगाती रही है. हलांकि आबकारी नीति 2021-22 के चलते एक समय ऐसा भी आया था, जब दिल्ली में शराब दुकानों की संख्या करीब 650 पहुंच गई थी. जांच एजेंसी ने नई शराब नीति में घोटाला होने का दावा किया था, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई ने शराब घोटाले में कई जगह छापेमारी कर चूकी है और चार लोगो को गिरफ्तार कर चूकी है. इसके बाद सीबीआई दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी और उनका मोबाइल समेत कई दस्तावेज जब्त कर ले गई थी.
Source : News Nation Bureau