राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों (एनसीआर) में प्रदूषण ने एक बार फिर खतरनाक स्तर को छुआ है. दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1000 के ऊपर है, जिससे यह क्षेत्र रेड जोन में शुमार हो गए हैं. यह स्थिति राजधानी की स्वास्थ्य और जीवनशैली के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है. प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि दिल्ली में सांस लेना अब 49 सिगरेट पीने के बराबर हो गया है.
प्रदूषण का गंभीर प्रभाव, AQI 1000 के पार
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इस हद तक बढ़ चुका है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब इसे बेहद खतरनाक मान रहे हैं. शहर के कई हिस्सों में एक्यूआई 1000 के करीब या उससे ऊपर पहुंच चुका है. इसका सीधा मतलब है कि हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों की मात्रा इतनी ज्यादा हो चुकी है कि यह सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है. उदाहरण के लिए, अगर दिल्ली के मंदिर मार्ग इलाके की स्थिति को देखा जाए, तो वहां शाम को साढ़े चार बजे एक्यूआई 1063 दर्ज किया गया, जो बेहद खतरनाक है.
एक्यूआई 1063 बेहद खतरनाक
यहां तक कि विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण स्वस्थ व्यक्ति को भी गंभीर श्वसन समस्याओं का सामना करवा सकता है. अगर इसे समझें तो, AQI 1023 का मतलब है कि एक व्यक्ति प्रतिदिन 49 सिगरेट पीने के बराबर प्रदूषण के संपर्क में आ रहा है.
मास्क पहनना हुआ अनिवार्य
इस खतरनाक स्थिति में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सबसे अहम सुझाव है कि लोग बाहर निकलने से बचें या कम से कम एन95 मास्क पहनकर बाहर जाएं. यूसीएमएस और जीटीबी अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा के रेजिडेंट डॉक्टर, डॉ. रजत शर्मा का कहना है कि प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि सिर्फ सर्जिकल या कपड़े के मास्क पहनने से कोई लाभ नहीं होगा. उनका कहना है कि एन95 मास्क इस समय सबसे बेहतर उपाय है क्योंकि यह हवा में मौजूद हानिकारक कणों को प्रभावी रूप से फिल्टर करता है.
एन95 मास्क पहनना अब जरूरी
डॉ. शर्मा का यह भी कहना है कि स्वस्थ व्यक्ति भी इस प्रदूषण के प्रभाव से बच नहीं सकता और उसे सांस से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, हर किसी के लिए एन95 मास्क पहनना अब जरूरी हो गया है.
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर असर
दिल्ली में इस समय प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्र, आंखों, त्वचा और हृदय से जुड़ी समस्याओं में वृद्धि हो रही है. लगातार इस प्रदूषण के संपर्क में रहने से लोगों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और अन्य सांस से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा, बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को तो विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है, क्योंकि इन वर्गों के लिए प्रदूषण और भी अधिक खतरनाक साबित हो सकता है.
प्रदूषण से निपटने के उपाय
- मास्क पहनें: जैसा कि विशेषज्ञों ने सलाह दी है, एन95 मास्क पहनना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों से बचा जा सके.
- घर में रहें: अगर बाहर जाना बिल्कुल जरूरी न हो, तो घर पर रहना सबसे अच्छा उपाय है. घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषण को फिल्टर किया जा सके.
- संतुलित आहार और पानी का सेवन: प्रदूषण के कारण शरीर को अधिक नुकसान हो सकता है, इसलिए संतुलित आहार और भरपूर पानी पीना जरूरी है.
प्रदूषण से बचाव में ही समझदारी
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है और इस समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है. हालांकि प्रदूषण का प्रभाव तत्काल महसूस नहीं होता, लेकिन लंबे समय में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. इसलिए, मास्क पहनना, घर में रहना और प्रदूषण से बचाव के अन्य उपायों को अपनाना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है.