Delhi Air Pollution : देश की राष्ट्रीय राजधानी में जैसे जैसे सर्दी का सितम बढ़ रहा है, वैसे वैसे वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) बड़े-बड़े कदम उठा रही है. इस बीच दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने डीपीसीसी के चेयरमैन अश्विनी कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है. साथ ही दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी (Atishi) ने डीपीसीसी चेयरमैन को जल्द से जल्द बर्खास्त करने की मांग उठाई है.
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि DPCC के चेयरमैन अश्विनी कुमार को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए, क्योंकि उन्होंने दो करोड़ दिल्लीवासियों की जान खतरे में डाली है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदूषण का रियल टाइम सोर्स जानने के लिए ‘World Class Cutting Edge Scientific Equipment’ रखी गई, जो प्रदूषण को Measure करेगी, लेकिन डीपीसीसी के चेयरमैन अश्विनी कुमार ने बिना किसी मंत्री और कैबिनेट के परमिशन के फैसले को रोक दिया.
जानें क्या है मामला
अश्विनी कुमार पर रियल टाइम सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी बंद करने का आरोप है. उन्होंने न केवल इस सुपरसाइट पर कार्य बंद करवा दिया, बल्कि आईआईटी कानपुर का वेतन भी रोक दिया है. सरकार का कहना है कि डीपीसीसी के चेयरमैन अश्विनी कुमार ने पिछले दिनों एक फाइल बनाई थी, जिसमें अध्ययन प्रस्ताव से जुड़े पर्याप्त खर्च के बारे में चिंता जताई थी.
आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार ने 2021 के जुलाई महीने में अध्ययन प्रस्ताव को अनुमति दी थी और आईआईटी कानपुर के साथ 2022 के अक्टूबर में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. इस अध्ययन प्रस्ताव पर करीब 12 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च आ रहे थे. जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए सरकार ने IIT कानपुर को 10 लाख रुपये भी दे दिए थे. अश्विनी कुमार ने 18 अक्टूबर को IIT कानपुर को बाकी पैसे जारी करने से रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं.
Source : News Nation Bureau