Delhi-NCR Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा अभी भी साफ नहीं हुई है. ग्रैप-5 की पाबंदियों के बावजूद दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है. जिसके चलते फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 के तहत पाबंदियां लागू रहेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 5 दिसंबर पर ग्रैप-4 लागू रहेगा. शीर्ष कोर्ट कहा कि जब तक वह प्रदूषण के स्तर को लेकर संतुष्ट नहीं होता, तब तक ग्रैप-4 में रियायत नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्यों को रोकने के प्रभावित हुए मजदूरों को मुआवजा देने में राज्यों के ढुलमुल रवैये पर भी नाराजगी जताई.
मजदूरों को मुआवजा देने का दिया था आदेश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में निर्माम कार्यों में लगे मजदूरों को राज्य सरकारों द्वारा मुआवजा देने का आदेश दिया था. जिसके लिए राज्य लेबर सेस द्वारा जुटाई गई रकम का इस्तेमाल किया जाना था. हालांकि 2 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने पाया कि राज्यों ने इस दिशा में संतोषजनक काम नहीं किया है. अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा जुड़ने को कहा है.
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जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से नियुक्त किए गए 13 कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट देखी, इसके साथ ही न्यायाधीशों ने कोर्ट कमिश्नरों की सुरक्षा पर चिंता जताई. इस दौरान कुछ कमिश्नरों ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली के कई एंट्री पॉइंट्स पर लाइट तक नहीं है. कुछ स्थानों पर स्थानीय दबंग लोगों के ट्रक बेरोकटोक दिल्ली में दाखिल हो रहे हैं. कमिश्नरों ने आगे बताया कि कोर्ट कमिश्नर बनाए गए वकीलों का दौरा शुरू होने से पहले टोल कॉन्ट्रेक्टर के कर्मचारी व्हाट्सएप द्वारा एक-दूसरे को सूचना दे देते हैं.
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वकीलों को सुरक्षा दे दिल्ली पुलिस-SC
इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस वकीलों को काम के दौरान जरूरी सुरक्षा दे. एक कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में बताया गया कि उनको बाबा हरिदास नगर थाने के SHO ने अपने इलाके के खतरनाक होने की बात बताई थी. यह भी बताया था कि टोल कर्मचारी गैंगस्टरों और दबंग लोगों के ट्रकों नहीं रोकते. रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हों.
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