Delhi Air Pollution : उत्तर भारत में सर्दी के साथ प्रदूषण का भी प्रकोप बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ आर्थिक गति को भी धीमा कर दिया है. दिल्ली में प्रदूषण का लेवल 800 के पार पहुंच गया है. इंडस्ट्री बॉडी में भी प्रदूषण के खिलाफ मंथन शुरू है. क्लीन एनर्जी पर इंडस्ट्री की बड़ी बैठक हुई है. इस पर इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स ने उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों के साथ बैठक कर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि आज क्लीन एनर्जी की जरूरत है. दिल्ली में दम घोंटू हवाओं के बीच बढ़ता जा रहा वायु प्रदूषण चिंता का सबब है, जिससे न सिर्फ आम आदमी की सांसों को खतरा है, बल्कि व्यापारियों को भी अब इसकी चिंता सताने लगी है.
दिल्ली में 800 के ऊपर पहुंचा AQI
दिल्ली की आबोहवा में जहर घुल चुका है और प्रदूषण का लेवल 800 के पार पहुंच चुका है, जो सबसे खतरनाक लेवल पर है. जानकार मानते हैं कि अभी ये लेवल और बढ़ने वाला है, जिसके बाद AQI 900 से 1000 के पार जा सकता है और इससे लोगों को खासा परेशानी हो सकती है. बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव को देखते हुए इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स ने क्लीन एनर्जी को बेहतर फाइनेंस सुविधाओं का सुझाव दिया है.
पूरे उत्तर भारत के साथ दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण का प्रकोप व्यापार और उससे जुड़े व्यापारियों पर भी पड़ रहा है. खास तौर पर ऑर्गेनाइज्ड और अन-ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर पर इसका असर देखने को मिल रहा है. ऐसे में आज क्लीन एनर्जी की जरूरत बढ़ती जा रही है, जिसको देखते हुए क्लीन एनर्जी पर खर्च को बढ़ाना होगा और इस पर निवेश की जरूरत और बढ़ावा देना होगा, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके.
भारत में बढ़ रहे प्रदूषण पर यूनाइटेड नेशन ने भी जताई चिंता
दिल्ली में हुई इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स ICC की बैठक में यूनाइटेड नेशन से इन्वायरमेंट प्रोग्राम के प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर सुमित शर्मा ने बढ़ते प्रदूषण पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि हम प्रगति कर रहे हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. ये तीन मुद्दे- जलवायु, जैव विविधता और प्रदूषण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. आप एक पहलू के साथ जो कुछ भी कर रहे हैं, उसका प्रभाव अप्रत्यक्ष रूप से आप अन्य दो पहलुओं पर भी डाल रहे हैं. मुद्दा यह है कि यदि आप इनमें से एक को भी खराब करते हैं, तो आप उन तीनों को प्रभावित करेंगे. अगर आप इनमें से किसी एक में समस्या का समाधान करने जा रहे हैं तो आप अन्य तीन को भी सुधारने में मदद कर रहे हैं.
हर साल बढ़ते प्रदूषण के प्रकोप से विश्वभर में दमे, सांस की बीमारी, हार्ट-अटैक, फेफड़ों से जुड़ी बीमारी में बीते 5 सालों में करीब 100 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिसने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली है और इस गंभीर समस्या पर इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स भी गहन चिंतन कर इंडस्ट्री को इससे निपटने के लिए एक साथ एक मंच पर है, ताकि प्रदूषण के प्रकोप को कम किया जा सके.
Source : Sayyed Aamir Husain