नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) के खिलाफ हिंसा ने रविवार को दिल्ली को भी अपनी चपेट में ले लिया. दिल्ली (Delhi) के कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj) इलाके से शुरू हुई हिंसा जामियानगर (Jamia Nagar) और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी (New Friends Colony) तक पहुंच गई. कई बसें और बाइकें फूंक दी गईं और पुलिसवालों पर हमले किए गए. इस हमले में डीसीपी (DCP), अतिरिक्त डीसीपी (ADCP), दो पुलिस आयुक्त (Police Commissioner), 5 स्टेशन हाउस अधिकारी और इंस्पेक्टर सहित कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं. एक पुलिसकर्मी के आईसीयू में भर्ती होने की बात कही जा रही है. जामिया के छात्रों समेत प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज रोड पर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने बसों में लगी आग बुझाने गई दमकल की गाड़ियों पर भी हमला बोला. हिंसक प्रदर्शन को लेकर दिल्ली सरकार ने साउथ ईस्ट दिल्ली के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश जारी किए हैं.
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दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली की हिंसा में रविवार को दक्षिण पूर्व जिला डीसीपी, अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिण), 2 सहायक पुलिस आयुक्त, 5 स्टेशन हाउस अधिकारी और निरीक्षक सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. रंधावा ने बताया कि हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को कालकाजी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से रिहा कर दिया गया है.
PRO एमएस रंधावा ने लोगों से अफवाहें पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा, जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रदर्शनकारियों की मौत की खबर फैलाई जा रही है, जो केवल अफवाह है. लोग अफवाहों पर ध्यान न दें. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए डीएमआरसी ने कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया था. मेट्रो इन स्टेशनों पर नहीं रूक रही है. जामिया प्रोटेस्ट में 50 से ज़्यादा ज़ख्मी लोगों को अब्बुल फजल के अल शिफ़ा अस्पताल में भर्ती किया गया.
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उधर, जामिया मिलिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने रविवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बिना अनुमति के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गए और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा गया तथा उन्हें परिसर से जाने को मजबूर किया गया. विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि पुस्तकालय से मौजूद छात्रों को निकाला गया और वे सुरक्षित हैं. नजमा अख्तर ने पुलिस कार्रवाई की निंदा भी की.
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने के तुरंत बाद पुलिस जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुस गई और छिपने के लिए परिसर में आए कुछ ‘बाहरी लोगों’ को गिरफ्तार करने के लिए विश्वविद्यालय के द्वारों को बंद कर दिया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो