दिल्ली में कोरोनावायरस (Delhi Coronavirus Cases) के मामलों में कमी आई है. 5 अप्रैल के बाद सबसे कम मामले सामने आए है. राजधानी में संक्रमण दर 6 फीसदी से नीचे चली गई है. लेकिन कोरोना संकट के साथ ही ब्लैक फंगस की बीमारी दिल्ली वालों की परेशानी बढ़ाने लगी है. जिसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने 4 सदस्यीय डॉक्टरों की एक टेक्निकल कमेटी बनाई है. अस्पतालों को अब इसी कमेटी के जरिए ब्लैक फंगस में प्रयोग होने वाला अम्फोटेरेसिन बी सीधा अस्पताल को मुहैया कराया जाएगा. ये फैसला इस इंजेक्शन की कालाबाज़ारी को रोकने के लिए लिया गया है. दिल्ली सरकार ने इसके लिए 1 लाख इंजेक्शन का आर्डर भी दिया है.
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Amphotericin-B इंजेक्शन के गलत प्रयोग को रोकने और ब्लैक फंगस के मामले में सही व सुचारू वितरण को लेकर दिल्ली सरकार ने गठित की चार सदस्यीय टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी
1. डॉ. एम. के. डागा (चेयरमैन)
2. डॉ. मनीषा अग्रवाल
3. डॉ. एस. अनुराधा
4. डॉ. रवि मेहर
इस फैसले से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
1. जिन भी अस्पतालों को इंजेक्शन की जरूरत होगी, वे सबसे पहले इस कमेटी के पास अप्लाई करेंगे.
2. तय परफॉर्मा के अनुसार ही इसके लिए एप्लिकेशन ईमेल के जरिए या फिजीकल कॉपी के रूप में कमेटी को भेजनी होगी.
3. चूंकि ऐसे मामलों में समय बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इंजेक्शन के लिए आए एप्लिकेशन पर विचार और निर्णय के लिए हर दिन दो बार, सुबह 10-11 AM और शाम 4-5 PM के बीच कमेटी की बैठक होगी. बैठक वर्चुअल/डिजिटल भी हो सकती है.
4. DGHS कमेटी के साथ कॉर्डिनेट करेंगीं और ऐसे मामलों में जल्द से जल्द निर्णय लेने में सहायता देंगीं. वे अप्रूवल से लेकर अस्पतालों तक इंजेक्शन की डिलीवरी तक को मॉनिटर करेंगीं.
5. हर दिन की मीटिंग का निर्णय ईमेल के जरिए सम्बंधित पक्षों से साझा किया जाएगा. एप्लिकेशन खारिज होने के मामले में सम्बंधित अस्पताल को लिखित में जानकारी दी जाएगी. मीटिंग के निर्णय की एक कॉपी स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर भी डाली जाएगी.
6. कमेटी के निर्देश पर DGHS का कार्यालय अस्पताल या इंस्टिट्यूशन के अधिकृत व्यक्ति को इंजेक्शन मुहैया कराएगा. या प्राइवेट अस्पतालों के मामले में स्टॉकिस्ट भुगतान के साथ अस्पताल के अधिकृत व्यक्ति को इंजेक्शन उपलब्ध कराएगा.
7. DGHS और सभी स्टॉकिस्ट यह सुनिश्चित करेंगे कि अस्पतालों तक इंजेक्शन उसी दिन पहुंचे. इससे जुड़ा सभी रिकॉर्ड DGHS का कार्यालय मेंटेन करेगा.
8. सम्बंधित अस्पताल को तय मरीज के लिए इंजेक्शन के इस्तेमाल की रिपोर्ट सौंपनी होगी.
9. Amphotericin-B इंजेक्शन के सही इस्तेमाल की जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर अस्पताल प्रशासन की होगी, वे सुनिश्चित करेंगे कि इसका किसी भी तरह से गलत इस्तेमाल न हो. आगामी समय में ऑडिट के मद्देनजर उन्हें इसका रिकॉर्ड भी रखना होगा.
10. केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए स्टॉक के अनुसार ही Amphotericin-B इंजेक्शन का वितरण होगा. वितरण की प्रक्रिया में किसी तरह की वेटिंग लिस्ट नहीं बनाई जा सकेगी.
11. स्टॉक खत्म होने की स्थिति में नया स्टॉक आने पर अस्पतालों को सूचित किया जाएगा और नए सिरे से एप्लिकेशन मंगाए जाएंगे.
12. इलाज कर रहे डॉक्टर के विशेष रिकमेंडेशन पर विशेष परिस्थिति में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव खुद किसी सरकारी अस्पताल को इंजेक्शन दे सकेंगे.