Delhi Budget 2023 : देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने बुधवार को नया बजट पेश किया है. यह पहला मौका था, जब आठवां बजट पेश करने वाले मनीष सिसोदिया नहीं थे. नए वित्त मंत्री कैलाश गहलोत (Delhi finance minister Kailash Gehlot) ने यह बजट पेश किया और बजट की थीम 'साफ-सुथरी आधुनिक दिल्ली' रखी. बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की है.
दिल्ली वित्त मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot ) ने कहा कि मनीष सिसोदिया की बहुत कमी खली, उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी, वह मेरे बड़े भाई हैं. उनकी अनुपस्थिति में हम काम संभाल रहे हैं और वह बहुत जल्द आएंगे और अपना काम संभालेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हमने जितने पैसे की जरूरत थी, उसी प्रकार से उसका लोकेशन किया है. हमने पूरी कोशिश की है कि डिपार्टमेंट का कोई काम ना रुके. प्राथमिकता शिक्षार्थी- सबसे ज्यादा फंड हेल्थ और एजुकेशन को दिए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमने जितनी चीजें कही हैं उनको बहुत करीब से मॉनिटर करेंगे और आने वाले साल में उसे पूरा करेंगे. आम आदमी पार्टी का नारा है जो कहा, सो किया. जनता हर चीज समझती है. हमने 10 तारीख को बजट भेज दिया था, 17 तारीख को आपने ना मुख्यमंत्री ना ही वित्त मंत्री को जानकारी दी और चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी भेज दी. मुझे सोमवार को 2:00 बजे सूचना मिली. जब हमने जवाब दिया तो उसे अप्रूव किया. केंद्र सरकार ने टाइम खराब किया, यह सब चीजें ठीक नहीं है. जनता का नुकसान होता है शहर का नुकसान होता है.
कैलाश गहलोत ने आगे कहा कि हमने कभी किसी को कम पैसा नहीं दिया. हमने हर सरकार से ज्यादा पैस निगम को दिया. उनका काम इल्जाम लगाना है और हमारा काम काम करना है. हमने निगम के लिए भी मशीनें खरीदने की बात कही हैं, ताकि साफ-सुथरी आधुनिक दिल्ली रहे. मैं मनीष सिसोदिया को फॉलो कर रहा हूं. उन्होंने भी शेरो शायरी लिखी थी, ताकि जो बैठे हैं सुन रहे हैं उनका भी ध्यान बना रहे और सारे शेरो शायरी द्वारा आप कम शब्दों में जो संदेश देते हैं वह पूरी किताब में भी नहीं दे सकते.
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दिल्ली के वित्त मंत्री ने आगे कहा कि बजट का सारांश यह है कि दिल्ली को साफ सुथरा और आधुनिक बनाना है. दिल्ली को सेंटर टैक्सेस का शेयर 325 करोड़ रुपया मिलता था. उस कैटेगरी में इस बार 325 करोड़ ही नहीं है. हम तो बढ़ाने की बात करते थे, दिल्ली को 6000 करोड़ रुपया मिलना चाहिए था. हम जितना टैक्स इकट्ठा करके दे रहे हैं वह दिल्ली वाले ही तो दे रहे हैं क्या दिल्ली वाले काम करना छोड़ दें?