दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश का दूरसंचार विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है. इस साल फरवरी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर अंशु प्रकाश ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों पर मारपीट के आरोप लगाए थे. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के द्वारा अंशु प्रकाश को दूरसंचार विभाग का अतिरिक्त सचिव बनाया गया है. प्रकाश अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश कैडर के 1986 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं. मुख्य सचिव की काफी समय से केजरीवाल सरकार के साथ तनातनी चल रही थी.
प्रशिक्षण एवं कार्मिक विभाग (डीओपीटी) के आदेश के अनुसार उन्हें दूरसंचार विभाग में नियुक्त किया गया.
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और AAP के नौ अन्य विधायकों को अंशु प्रकाश से कथित मारपीट मामले में जमानत दी थी.
दिल्ली पुलिस ने अगस्त में केजरीवाल, सिसोदिया और 11 विधायकों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. इन 11 विधायकों में अमानतुल्ला खान, प्रकाश जरवाल, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार व दिनेश मोहनिया शामिल हैं.
अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मार्च में जमानत दी थी. आप ने इस मामले को दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व 11 विधायकों को बदनाम करने के लिए साजिश करार देते हुए झूठा व हास्यास्पद बताया.
आप विधायकों पर क्या लगा था आरोप
दिल्ली के सचिव अंशु प्रकाश ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर विज्ञापन से संबंधित एक बैठक में उन्हें बुलाया था. बैठक में उनके साथ कुछ विधायकों ने मारपीट की. उनका कहना है कि वह किसी तरह जान बचा कर वहां से निकले और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
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अपनी शिकायत में प्रकाश ने आरोप लगाया था कि 19 फरवरी की रात को विधायकों ने बहस करने के बाद उनके साथ मारपीट करने लगे. हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया था.
दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया था कि मुख्य सचिव बीजेपी की शह पर काम कर रहे हैं तथा यह घटना आप सरकार को बर्खास्त करने का बहाना है.
Source : News Nation Bureau